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सहसरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने किया उद्घाटन और कहा-अविरत चलती रहे साधनागत 7 मई को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग प्रारंभ हुआ। 8 मई की सुबह 5 बजे रेशम बाग स्थित संघ स्थान पर देशभर से आए 830 तरुण शिक्षार्थियों, शिक्षकों और व्यवस्थापकों के समक्ष उद्घाटन भाषण करते हुए रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री भैया जी जोशी ने कहा कि प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण एक अनोखी साधना है। जिस परिसर में प्रशिक्षण होता है वह संघ की तप:स्थली है। इसका कण-कण पवित्र है। यहां प्राप्त प्रशिक्षण स्वयंसेवक के लिए जीवन भर की थाती और प्रेरणा के रूप में काम करता है। संघ-साधना करते समय स्वयंसेवक के जीवन में आने वाली अड़चनों-बाधाओं के निवारण में यह प्रशिक्षण मार्गदर्शक बन जाता है। उन्होंने संघ कार्य को ईश्वरीय कार्य बताते हुए कहा कि हर प्रकार की मुसीबतों का सामना करते हुए अपने समाज, अपने धर्म और अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए स्वयंसेवक तत्पर रहता है और इस कार्य में कदम-कदम पर भगवान सहायता के लिए आगे आते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी प्रार्थना में नित्य भगवान के काम को ही करने का संकल्प लेते हैं। इस अवसर पर शिविर के सर्वाधिकारी श्री श्रीकृष्ण माहेश्वरी (सतना), वर्ग कार्यवाह श्री विजय कुमार (दिल्ली), वर्ग के पालक अधिकारी श्री श्रीकृष्ण मोतलग (बंगाल), मुख्य शिक्षक श्री दुर्ग सिंह (राजस्थान), बौद्धिक प्रमुख श्री शिरीश भेडसगावकर, सेवा प्रमुख श्री भास्कर राव कुलकर्णी (असम), व्यवस्था प्रमुख श्री दिलीप गाडगे आदि अनेक अधिकारी उपस्थित थे। वर्ग में इस बार मध्य भारत प्रान्त से सर्वाधिक 63 शिक्षार्थी, केरल से 56, चित्तौड़ से 44, महाकौशल से 40, पश्चिम आंध्र से 33, छत्तीसगढ़ से 32, विदर्भ से 31, दक्षिण कर्नाटक एवं काशी प्रांत से 29-29 शिक्षार्थी शामिल हुए हैं। अन्य प्रांतों में गुजरात से 27, पूर्व आंध्र प्रदेश से 26, हरियाणा से 26, दक्षिण बंगाल से 23, जयपुर से 23, कानपुर से 22, उत्तरांचल एवं मेरठ से 21-21, दिल्ली से 21, गोरखपुर से 20, उत्तर तमिलनाडु से 20, अवध से 19, कोंकण से 18, जोधपुर से 18, उत्कल से 18, ब्राज से 17, दक्षिण तमिलनाडु से 16, दक्षिण बिहार से 14, पश्चिम महाराष्ट्र से 13, उत्तर असम से 13, पंजाब से 11, दक्षिण असम से 10, उत्तर बंगाल से 10, हिमाचल से 10, उत्तर कर्नाटक से 9, झारखंड से 8, देवगिरि से 8, उत्तर बिहार से 7 और जम्मू-कश्मीर से 4 स्वयंसेवक शिक्षण प्राप्त करने के लिए वर्ग में शामिल हुए हैं। यह वर्ग एक माह तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष में प्रशिक्षण के लिए चयनित स्वयंसेवकों को प्रौढ़ और तरुण वर्गों में विभाजित कर 40 वर्ष से अधिक एवं उससे कम उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग वर्ग चलाने की प्रथा शुरू हुई है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। वर्गों में जहां युवा शिक्षार्थियों का प्रतिशत लगातार बढ़ा है, वहीं प्रौढ़ व तरुण वर्ग को प्रशिक्षण देने की व्यावहारिक कठिनाइयों का समाधान भी हुआ है। वि.सं.के. नागपुर36
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