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अश्लीलता के विरुद्ध संघर्षसूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भेजा सात टेलीविजन चैनलों को नोटिस… पर स्थिति जस की तसश्रीहजारीलाल अग्रवाल वृद्ध हैं, पर निष्ठावान आर्यसमाजी हैं। वर्तमान में वे आर्य प्रतिनिधि सभा, उत्तराञ्चल के अध्यक्ष हैं। श्री अग्रवाल भारतीय समाज व संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले दिनों उन्होंने पाञ्चजन्य में प्रकाशित “मीडिया और अश्लीलता” रपट पढ़ी तो उनसे रहा नहीं गया और गांव, शहर, गली-कूचे हर जगह मीडिया द्वारा परोसी जा रही अश्लीलता के विरुद्ध अभियान शुरू कर दिया। पिछले ढाई वर्ष से वे व्यापक पत्राचार तथा व्यक्तिगत सम्पर्क द्वारा अश्लीलता के विरुद्ध जनजागरण लाने में जुटे हैं।श्री अग्रवाल का संघर्ष अब असर दिखाने लगा है। उनके सद्प्रयास से प्रभावित होकर उत्तराञ्चल की लोक कल्याण समिति सहित अनेक सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठन अश्लीलता विरोधी अभियान में शामिल हो गए हैं। उनके प्रयासों के कारण ही पिछले वर्ष 28 नवम्बर को केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को घोषणा करनी पड़ी कि सरकार टीवी चैनलों पर दिखाये जा रहे अपराध, यौनाचार व अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों पर अंकुश लगाने तथा उनकी विषयवस्तु पर निगरानी के लिए शीघ्र ही विधेयक प्रस्तुत करेगी। अश्लीलता के विरुद्ध बढ़ते संघर्ष का एक परिणाम इस वर्ष मार्च महीने में भी देखने को मिला। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अश्लील “रीमिक्स वीडियो” दिखाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सात “म्यूजिक चैनलों” के खिलाफ नोटिस जारी किए। मंत्रालय के अनुसार ई.टी.वी., चैनल वी., एम.टीवी, बी फोर यू, बल्ले-बल्ले, आई.टी.वी, तथा एम.एच. वन को अश्लीलता परोसने का दोषी पाया गया है। इन्हें नियमों का उल्लंघन करने के लिए अपने चैनल पर लगातार तीन दिन तक एक ऐसी पट्टी चलाते रहने का दण्ड दिया गया, जिसमें लिखा गया हो कि “उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है और भविष्य में वे ऐसा नहीं करेंगे।” हालांकि तीन दिन तक उक्त पट्टी को दिखाए जाने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। इन चैनलों पर अब भी अश्लील “वीडियो रीमिक्स” पूर्व की भांति दिखाए जा रहे हैं। इससे हैरान केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने 16 मई को राज्यसभा में कहा कि चैनल वाले खुद पर नियंत्रण के लिए सहमत नहीं हुए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने 16 चैनलों को चिन्हित किया है, जो “प्राइम टाइम” में भी अश्लीलता एवं क्रूरता से परिपूर्ण कार्यक्रम दिखाते हैं। सरकार अश्लील विज्ञापनों के प्रसारण को भी नियंत्रित करने के लिए कार्यदल बनाएगी, जिनमें महिला संगठन भी शामिल होंगे। प्रतिनिधि30
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