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सरकारी वकीलों को हेडेक, प्राइवेट हुए हाईटेकयह शीर्षक है नई दिल्ली से प्रकाशित हिन्दुस्तान (23 अगस्त, 2006) के अंक के एक समाचार का। इसे भेजने वाले हैं- श्री अनिल कुमार, बी-165, गली सं. 4, इन्दर इन्कलेव, फेस-1, मुबारकपुर रोड, नांगलोई, दिल्ली-41और इनका सुझावउक्त पंक्ति इस प्रकार भी लिखी जा सकती थी-सरकारी वकील परेशान, गैरसरकारी की बढ़ी शानपताऐसी भाषा-कैसी भाषा?पाञ्चजन्य, संस्कृति भवन, देशबंधु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-1100555
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