आखिर मराड नरसंहार का सच सामने आया
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आखिर मराड नरसंहार का सच सामने आया

by
Aug 10, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 10 Aug 2006 00:00:00

कांग्रेस का हाथ, दंगाइयों के साथन्यायमूर्ति जोसेफ आयोग की रपट से कटघरे में कांग्रेस-मुस्लिम लीग-केरल से प्रदीप कुमारआखिर मराड हिन्दू नरसंहार का सच सामने आ ही गया। गुजरात दंगों पर पूरे देश में हाय-तौबा मचाने वाले “फाइव स्टार” गैर सरकारी संगठनों, कथित सामाजिक कार्यकर्ताओं और कांग्रेस की जुबां पर मानो ताला लग गया है। बधाई देनी होगी न्यायमूर्ति श्री थामस पी. जोसेफ को जिन्होंने अनेक कठिनाइयों के बावजूद तीन वर्ष चार माह के अथक परिश्रम द्वारा तैयार अपनी रपट में न सिर्फ मराड में हिन्दू नरसंहार के सच से पर्दा हटाया है वरन् इसके पीछे केरल के सभी सेकुलर राजनीतिक दलों की हिन्दू विरोधी नीति को भी उघाड़ कर रख दिया है।गत 27 सितम्बर को केरल की वाममोर्चा सरकार ने न्यायमूर्ति जोसेफ आयोग की रपट विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत की। इसके आते ही केरल की राजनीति में भूचाल आ गया। इसकी आंच कांग्रेस नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर भी पड़ रही है। न्यायमूर्ति जोसेफ ने अपनी रपट में स्पष्ट रूप से कहा है कि मराड दंगों के पीछे इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेताओं का हाथ है।इसमें से मुस्लिम लीग उस समय केरल में तत्कालीन एंटोनी सरकार में सहयोगी थी और अब केन्द्र में भी कांग्रेस को सहयोग कर रही है। रपट में दंगाइयों के संरक्षकों के रूप में मुस्लिम लीग के एक ऐसे नेता की तरफ भी उंगली उठी है जो केन्द्र सरकार में मंत्री हैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार में विदेश राज्यमंत्री श्री ई. अहमद मुस्लिम लीग के प्रतिनिधि हैं। रपट के अनुसार, मुस्लिम लीग के दो नेताओं को पूरे षडंत्र की पहले से जानकारी थी और लीग के कई नेता प्रत्यक्ष रूप से भी इस काण्ड में लिप्त थे। रपट में मुस्लिम लीग के केरल राज्य कमेटी के सदस्य एवं पूर्व विधायक एम.सी. मुईन हाजी, पी.पी. मोईद्दीन कोया का नाम लेते हुए कहा गया है कि दोनों षडंत्र से पूरी तरह अवगत थे।रपट में कहा गया है कि पूरे मामले के पीछे एक बहुत बड़ा षडंत्र छिपा है। जिसकी गहराई से जांच होना जरूरी है। जोसेफ आयोग ने मराड संहार में प्रयुक्त हथियारों के स्रोतों का पता न लगा पाने के लिए राज्य पुलिस प्रशासन की अपराध शाखा की निन्दा की है। इसके साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री ए.के. एन्टोनी, जिनके पास गृह मंत्रालय भी था, को भी आड़े हाथों लिया है। न्यायमूर्ति जोसेफ ने रपट में कहा है, “राज्य के कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के तार विदेशों से जुड़े हैं किन्तु वाम मोर्चा सरकार (एल.डी.एफ.) और संयुक्त मोर्चा सरकार (यू.डी.एफ.) इनसे निपटने में असफल साबित हुई हैं। राज्य सरकार ने मराड संहार में लिप्त अपराधी तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई तक नहीं की। इन्हें केवल वोट बैंक की चिन्ता है।”उल्लेखनीय है कि केरल के कोझीकोड जिले में 2 मई, 2003 को हिन्दू मछुआरे जब दिन भर की हाड़-तोड़ मेहनत के बाद मराड समुद्र तट के किनारे चांदनी रात में विश्राम कर रहे थे, 100 से अधिक हथियार बन्द मुस्लिम दंगाइयों ने 3 अलग-अलग समूहों में उन पर हमला कर 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। मारे गए हिन्दुओं में चन्द्रन, दासन, गोपालन, कृष्णन, माधवन, प्रजीरा, पुष्पराज, सन्तोष को धारदार हथियार से चीर दिया गया था।जोसेफ आयोग की अनेक संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए केरल की वाम मोर्चा सरकार ने यद्यपि पूरे मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने के आदेश दे दिए हैं किन्तु दंगाइयों के कांग्रेस और वामपंथी नेताओं के सम्बंधों को लेकर न्यायमूर्ति जोसेफ की टिप्पणियां सभी पर भारी पड़ रही है। पिछले दो महीने से आयोग की रपट को वाममोर्चा सरकार इस डर से दबाए बैठी थी कि इस रपट का उसके मुस्लिम वोट बैंक पर गम्भीर असर पड़ सकता है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लै कहते हैं कि हिंसा में 28 माकपा कार्यकर्ताओं के नाम भी शामिल हैं। श्री पिल्लै ने आशंका व्यक्त की है कि राज्य सरकार केन्द्र की कांग्रेस के साथ मिलकर जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि हम तो पहले से ही पूरे मामले की सी.बी.आई. जांच की मांग कर रहे थे। सी.बी.आई. जांच द्वारा ही दंगे के पीछे छिपे षडंत्र का वास्तविक रूप से पर्दाफाश हो सकता है। प्रदेश भाजपा ने केन्द्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री श्री ई. अहमद को तत्काल मंत्रिमण्डल से हटाने की मांग प्रधानमंत्री से की है। श्री पिल्लै ने कहा कि या तो विदेश राज्यमंत्री ई. अहमद स्वयं त्यागपत्र दे दें या फिर प्रधानमंत्री उन्हें मंत्रिमण्डल से निकाल दें। उल्लेखनीय है कि श्री ई. अहमद ने मराड दौरे के समय जिला प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करते हुए उस जुमा मस्जिद में नमाज भी अदा की थी जिसे भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी के कारण सील कर दिया गया था।न्यायमूर्ति श्री जोसेफ ने लापरवाही बरतने के आरोप में कुछ बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश भी की है। इनमें कोझीकोड जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी श्री सूरज, दंगों की जांच करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्री महेश कुमार सिंगला, कोझीकोड के पुलिस आयुक्त श्री संजीव कुमार और सहायक पुलिस आयुक्त श्री अब्दुल रहीम के नाम प्रमुख हैं। इनमें श्री अब्दुल रहीम पर आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम लीग के नेताओं के दबाव में जानबूझकर पूरे मामले में शिथिलता बरती और तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास किया। रपट में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने मुस्लिम दंगाइयों को पकड़ने के बजाय उन्हें बचाने के हर सम्भव प्रयास किए।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री राम माधव ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आयोग की रपट में उल्लिखित घटना के लिए जिम्मेदार तत्वों और राजनीतिक दलों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रपट ने मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन और सत्ता प्रतिष्ठान के बीच सम्बंधों की भी पोल खोली है। श्री राम माधव ने कहा कि दंगे के आरोपी कट्टरपंथी संगठनों और तत्वों से जुड़ा व्यक्ति केन्द्र में मंत्री बना हुआ है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। आयोग की रपट से संघ की आशंका पुष्ट हुई हैं कि केरल का समुद्र तटीय क्षेत्र विदेशी मुस्लिम कट्टरपंथियों का गढ़ बनता जा रहा है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विवेकानन्द केन्द्र के निदेशक श्री पी. परमेश्वरन के अनुसार, माकपा ने चतुराई से हिन्दू भावनाओं को अपनी ओर मोड़ने के लिए विधानसभा के समक्ष यह रपट प्रस्तुत की है। केरल के इतिहास में माकपा ने कभी ऐसा कदम नहीं उठाया था। माकपा अवसर का लाभ उठाना चाह रही है। श्री परमेश्वरन ने राज्य सरकार के उन फैसलों की सराहना भी की है जो रपट की संस्तुतियों के आधार पर सरकार ने किए हैं। उन्होंने पूरे मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच के आदेश का स्वागत किया।16

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय वायुसेना की महिला पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने की बात झूठी, PIB फैक्ट चेक में खुलासा

भोपाल में लव जिहाद के विरोध में प्रदर्शन करतीं महिलाएं

लव जिहाद के विरुद्ध उतरीं हिंदू महिलाएं

CG Ghar Wapsi Sanatan Dharama

घर वापसी: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में 10 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies