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– कुप्.सी.सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
प्रतिनिधि
पुस्तक लोकार्पित करते हुए श्री कुप्.सी.सुदर्शन (मध्य में)। उनके साथ पुस्तक प्रदर्शित कर रहे हैं
(बाएं से) डा. अवधानुलु, श्री पी. वेंकेटेश्वरलु, प्रो. वाष्र्णेय व प्रो. पुलेला रामचंद्रुदु
गत 22 दिसम्बर को श्री वेद भारती और विज्ञान भारती ने संयुक्त रूप से बद्रुका कालेज, हैदराबाद में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन ने कहा कि मानव कल्याण के लिए आवश्यक सभी प्रकार का ज्ञान वेदों में समाहित है और उसकी पहचान करना, उसका अनुसरण करना बहुत हितकारी होगा। उन्होंने कहा किवेदों में आधुनिक विज्ञान से जुड़े अनेक संदर्भ हैं। उदाहरण के लिए, पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए समबरानी लकड़ी से हर्बल पेट्रोल बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर श्री सुदर्शन ने निजाम इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, हैदराबाद के उपनिदेशक (कम्प्यूटर) डा. रोमेल्ला अवधानुलु द्वारा लिखित पुस्तक “आस्पेक्ट्स आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी इन वेदाज एंड शास्त्राज” का लोकार्पण किया।
इससे पूर्व डा.अवधानुलु ने विषय प्रवत्र्तन करते हुए वेदों के अनेक अध्यायों का उल्लेख किया, जिन पर अनुसंधान किए जाने की जरूरत है। उन्होंने श्री वेद भारती द्वारा चलाए जा रहे वैदिक विज्ञान और संस्कृत के पाठयक्रमों की जानकारी दी।
मुख्य वक्ता के रूप में महामहोपाध्याय प्रो.पुलेला श्रीरामचंद्रुदु ने गोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वेद विज्ञान की खान हैं। उनमें न केवल धार्मिक मूल्यों का समावेश है अपितु वैदिक मूल्यों से तादात्म्य रखते हुए भौतिक विश्व के विकास के सूत्र भी हैं। वेदों में संपूर्ण ब्राह्मांड का अनंत ज्ञान भरा हुआ है।
आनंद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वाष्र्णेय और कृषि विद्वान डा. वाई.एल. नेने ने अपने प्रपत्रों के जरिए बृहत् संहिता और वृक्षायुर्वेद में उल्लिखित वर्षा एवं कृषि के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। इनके अलावा वैदिक गणित पर डा. श्रीवास्तव, वेद आधारित राजनीति शास्त्र पर डा. एम.वी.आर. शास्त्री तथा वेद आधारित चिकित्सा शास्त्र पर प्रो. के.एस. रत्नाकर ने गोष्ठी में अपने विचार प्रस्तुत किए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. दिनेश कुमार ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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