श्रद्धाञ्जलि
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

श्रद्धाञ्जलि

by
Aug 1, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 01 Aug 2006 00:00:00

माणिक चंद्र वाजपेयी

राष्ट्रनिष्ठ पत्रकारिता के आदर्श

माणिक चंद्र वाजपेयी उपाख्य मामा जी

7 अक्तूबर, 1919-27 दिसम्बर, 2005

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं दैनिक स्वदेश के प्रधान सम्पादक श्री माणिक चंद्र वाजपेयी उपाख्य मामाजी का गत 27 दिसम्बर को ग्वालियर में देहावसान हो गया। वे 86 वर्ष के थे। मामाजी लम्बे समय से अस्वस्थ थे। 28 दिसम्बर को ग्वालियर में उनके अंतिम संस्कार के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भा.ज.पा. एवं दूसरे राजनीतिक दलों के वरिष्ठ पदाधिकारी, समाजसेवी संगठनों के कार्यकर्ता, पत्रकार जगत के वरिष्ठजन उपस्थित थे। अंतिम संस्कार से पूर्व स्व. मामा जी की पार्थिव देह के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवक व समाजसेवी पहुंचे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने मामाजी के निधन की खबर मिलते ही 27 दिसम्बर को ग्वालियर आकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। मामाजी की पार्थिव देह को उनके भतीजे रवीन्द्र वाजपेयी ने मुखाग्नि दी।

7 अक्तूबर, 1919 को आगरा जिले के बटेश्वर गांव में श्रीश्रीदत्त वाजपेयी के घर जन्मे माणिक चंद्र वाजपेयी की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर में ही हुई। उन्होंने मिडिल बोर्ड में ग्वालियर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया था। स्मृति शेष मामा जी

राजमाता विजयाराजे सिंधिया के साथ मामाजी

इंटर में अजमेर बोर्ड की परीक्षा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया तथा बाद में बी.ए., एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की।

बाल्यकाल से ही राष्ट्रवादी भावना से प्रभावित रहे मामाजी 1944 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बने। 1944 से 1953 तक उन्होंने भिण्ड में प्रचारक के रूप में बड़ी संख्या में बालकों, युवाओं को संघ से जोड़ा। पारिवारिक कारणों से वे प्रचारक व्यवस्था से वापस लौटे और सन् 1954 से 1964 तक लहरौली, जिला भिण्ड में शिक्षक रहे। फिर 1964 से 1966 तक विद्यालोक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य रहे। आपातकाल के दौरान वे 20 महीने जेल में बंद रहे। इसी अवधि में उनकी धर्मपत्नी का देहावसान हो गया, इसके बावजूद मामाजी विचलित नहीं हुए। 1985 के पश्चात् वे पुन: संघ के प्रचारक बने और प्रान्तीय प्रचार प्रसार प्रमुख सहित अनेक दायित्वों का निर्वाह किया। वे स्वदेशी जागरण मंच के मध्य भारत प्रान्त के संयोजक भी रहे। जनसंघ की स्थापना के बाद सन् 1951 से 1954 तक उन्होंने संगठन मंत्री के रूप में भी कार्य किया। प्रतिकूल परिस्थितियों में संगठन के आदेश पर 1952 में वे भिण्ड से राजमाता विजयाराजे सिंधिया के खिलाफ चुनाव भी लड़े।

स्मृति शेष मामा जी

एक कार्यक्रम में मामाजी के साथ हैं सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन

मामाजी तात्कालिक विषयों पर गहन अध्ययन करने के साथ ही देश से जुड़े अनेक विषयों पर भी चिंतन-मनन करते थे। उनके आलेख बहुत धारदार होते थे। दैनिक स्वदेश, इंदौर की स्थापना के बाद से ही मामाजी इससे जुड़ गए थे तथा 1968 से 1985 तक स्वदेश इंदौर के सम्पादक रहे। “केरल में माक्र्स नहीं महेश”, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने संविधान के आइने में”, “समय की शिला पर” आदि उनकी लेखमालाएं बहुचर्चित रहीं। वह वर्तमान में स्वदेश भोपाल, जबलपुर व रायपुर के सलाहकार संपादक तथा ग्वालियर, सतना, गुना, झांसी के प्रधान संपादक के रूप में कार्य देखते थे। उन्होंने “आपातकालीन संघर्षगाथा”, “प्रथम अग्नि परीक्षा”, “भारतीय नारी : विवेकानंद की दृष्टि में,” “कश्मीर का कड़वा सच”, “पोप का कसता शिंकजा”, “ज्योति जला निज प्राण की” जैसी अनुपम कृतियों की रचना की। हाल ही में कोलकाता के बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय ने उन्हें डा. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित किया था।

स्मृति शेष मामा जी

स्व. मामाजी की बहन को सांत्वना देते हुए अटल जी

मामाजी असाधारण प्रतिभा के धनी थे परन्तु उनका स्वभाव अत्यंत सरल था। यही कारण है कि कार्यकर्ताओं से उनका जीवंत संपर्क था और प्रत्येक कार्यकर्ता को वह अपने परिवार के बुजुर्ग जैसे लगते थे। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से स्व. मामा जी को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित है।

पत्रकारिता के शलाका पुरुष थे मामाजी

– अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री

स्व. मामाजी के अंतिम दर्शन करते हुए श्री अटल बिहारी वाजपेयी व श्री शिवराज सिंह चौहान

मामाजी के अवसान की खबर पाते ही मुम्बई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बीच में ही छोड़कर श्री अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर पहुंचे। मामाजी को श्रद्धाञ्जलि अर्पित करते समय वे अपने आंसू रोक नहीं पाए। उन्होंने मामाजी को राष्ट्र-चिन्तक बताया और कहा कि वे पत्रकारिता के शलाका पुरुष थे। अटल जी ने स्व. मामाजी की इकलौती बहन को सांत्वना दी और कहा कि हम सब उनके ही परिवार के सदस्य हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धाञ्जलि अर्पित करते हुए कहा कि मामाजी सेवा और सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने सदैव राष्ट्र के बारे में चिन्तन किया और कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देते रहे।

6

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies