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-शिव कुमार गोयलमनोहर श्याम जोशी असीमित शब्द-सम्पदा के स्वामी और साहित्य क्षेत्र में खेमेबाजी के घोर विरोधी थे। किसी भी प्रकार के दोहरे मुखौटे तथा शाब्दिक पाखण्ड को वे कदापि सहन नहीं करते थे। जब कभी कथित स्वयंभू प्रगतिशीलों, सेकुलरवादियों, वामपंथियों अथवा
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