पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले

by
May 11, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 May 2006 00:00:00

वर्ष 10, अंक 36, सं. 2013 वि., 25 मार्च, 1957 , मूल्य 3आनेसम्पादक : तिलक सिंह परमारप्रकाशक – श्री राधेश्याम कपूर, राष्ट्रधर्म प्रकाशन लि.,गौतमबुद्ध मार्ग, लखनऊ (उ.प्र.)1957-58 का अंतरिम बजट”आज” की दृष्टि में साधन और संधान(निज प्रतिनिधि द्वारा)”बजट संबंधी श्वेत पत्रक विकास पर गौर करने से पता चला है कि एक तरफ जहां उपलब्ध साधनों के समुचित उपयोग के फलस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति में अपेक्षित दृढ़ता आ रही है वहीं दूसरी ओर विकास कार्यों के लिए आवश्यक विशाल धन राशि के, विशेष रूप से विदेशी मुद्रा के, जुटाने में कठिनाई पैदा हो रही है। इससे विकास कार्यों की गति उतनी तीव्र नहीं हो रही जितनी होनी चाहिए और देश के आर्थिक ढांचे पर भी दबाव बढ़ रहा है।पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष व्यय के मद में वृद्धि का अनुमान किया गया है। द्वितीय पंचवर्षीय योजना के द्वितीय वर्ष के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए व्यय में वृद्धि होनी स्वाभाविक है। इस्पात के तीन बड़े कारखानों और रेलवे विस्तार के लिए अधिक रकम निर्धारण करने के कारण व्यय के मद में विशेष वृद्धि हुई है। सुरक्षा सेवा के लिए भी गत वर्ष की तुलना में लगभग 50 करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। नागरिक कल्याण और सामाजिक सुविधाओं की व्यवस्था में वृद्धि के लिए भी गत वर्ष की तुलना में अधिक रकम निश्चित की गई है। द्वितीय पंचवर्षीय योजना के द्वितीय वर्ष के महत्वपूर्ण लक्ष्यों की पूर्ति और साधारण नागरिक सेवा की व्यवस्था के लिए अनुमानित व्यय के कारण वित्तमंत्री ने 1957-58 के वित्तीय वर्ष में 365 करोड़ रुपए की कमी होने की आशंका प्रकट की है। यह राशि गत वर्ष की अपेक्षा तो कम है लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के लिए विदेशी मुद्रा की अधिक आवश्यकता के कारण चिन्ता का विषय है।कश्मीर में जनमत-संग्रह का कोई प्रश्न नहींब्रिटिश पत्र “ट्रिब्यून” द्वाराभारतीय पक्ष का समर्थनश्री एन्यूरिन बेवन का ब्रिटेन के राजनीतिक क्षेत्र में ऊंचा स्थान है। समझा जाता है कि यदि मजदूर दलीय सरकार बनी तो वे विदेश मंत्री होंगे। उनके साप्ताहिक पत्र ट्रिब्यून ने कश्मीर के बारे में जो कुछ लिखा है उससे सुरक्षा परिषद की आंखें खुल जानी चाहिए। इस पत्र ने जनमत-संग्रह के विचार की निन्दा की है। पत्र ने लिखा है- “यदि पाकिस्तान जनमत संग्रह में विजयी हो गया और उसने कश्मीर राज्य का शासन भी उसी असहिष्णु तथा भ्रष्ट तरीके से किया, जिस प्रकार वह शेष “इस्लामी गणराज्य” का कर रहा है तो इस व्यवहार से कटुता उत्पन्न होगी और इस वर्ष पूर्व की सी स्थिति हो जाएगी।”समाजवादियों को उन लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए जो आवाज लगा रहे हैं कि जनता को फैसला करने दिए जाए। ये लोग जनता को कोई निर्णय नहीं करने देते। इनमें यह विचार करना चाहिए कि भारत तथा पाकिस्तान में लोकतंत्र की भाषा का प्रयोग करने का अधिकारी कौन है?पत्र ने कश्मीर-प्रश्न पर अपनी सम्मति इस प्रकार व्यक्त की है:-मजदूर दलों में भी कितने ही लोग भारत की निन्दा करने को तैयार हैं कि उसने कश्मीर के सम्बंध में ंसयुक्त राष्ट्र व सुरक्षा परिषद् के निर्णय के प्रति आपत्ति प्रकट की है। लेकिन पत्र का विश्वास है कि कश्मीर के बारे में भारतीय पक्ष को कभी ठीक तरह जनता के सामने नहीं रखा गया। भारत उन देशों में से नहीं है जो अपने प्रचार का भौंपू दिन-रात बजाता रहे बल्कि उसने बहुत-सी सामाजिक सफलताएं प्राप्त की हैं जो अधिकांशत: प्रकाश में नहीं आईं है।अमरीकी हथियार-पाकिस्तान को आधुनिक अमरीकी अस्त्र उदारतापूर्वक दिए गए हैं जिस प्रकार अरब शासक कहते हैं कि साम्यवाद से रक्षा करने के लिए प्रेषित “हथियार” इस्रायल के विरुद्ध काम में लाए जाएंगे, उसी प्रकार पाकिस्तानी राजनीतिक पत्रकारों से स्पष्ट कहते हैं कि उनके साम्यवाद विरोधी शस्त्र उचित अवसर पर भारत के विरुद्ध प्रयुक्त होंगे।पाकिस्तानी फौजें- नेहरू जी इस निर्णय पर बिल्कुल अड़े नहीं रहे हैं किन्तु वे इस बात के लिए सहमत हैं कि कुछ पाकिस्तानी सैनिक रहने दिए जा सकते हैं। लेकिन वे पाकिस्तान की इस मांग को स्वीकार नहीं कर सकते कि भारतीय सेना की संख्या के समान पाकिस्तानी सेना भी रहे।18

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies