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हरिद्वार
कुष्ठ रोगियों की सेवा करने का संकल्प लें
गत 8 अक्तूबर को हरिद्वार में कुष्ठ रोगियों की सेवा में रत संस्थाओं के प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। योग गुरु स्वामी रामदेव के हाथों सम्मानित होने वाले सेवाव्रती थे- श्री दामोदर बापट (छत्तीसगढ़), श्रीमती देवी बेन (गुजरात), श्री ध्रुव चक्रवर्ती (बंगाल), डा. दीपक गोयल (पंजाब), श्री अरविन्द शुक्ला (म.प्र.), श्री शरद दत्ता एवं श्री वीर सिंह (दिल्ली), श्री वेंकटेश गुरु नायक (कर्नाटक), श्री मनोज वर्गीस (उ.प्र.), श्री एस.एस. त्यागी (हरियाणा), श्री सत्यनारायण शर्मा और श्री आजाद सिंह रावत (उत्तराञ्चल), डा. वेंकटेश्वर राव (आंध्र प्रदेश), श्री उदय ठक्कर (महाराष्ट्र), प्रो. वी.एस. उपाध्याय (झारखण्ड) एवं श्री अविनाश गुप्ता (हरिद्वार)।
सम्मानस्वरूप प्रत्येक को 5100 रुपए नगद, स्मृति चिन्ह एवं गंगा जल का पात्र पतञ्जलि योगपीठ द्वारा भेंट किया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि सक्षम लोगों को कुष्ठ रोगियों एवं अन्य जरूरतमंतों की सेवा का संकल्प लेना चाहिए।
समारोह का आयोजन श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दिव्य प्रेम सेवा मिशन (हरिद्वार) ने भाऊराव देवरस सेवा न्यास (लखनऊ) के सहयोग से किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद मे.ज. भुवन चन्द्र खण्डूरी ने की। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह श्री भैया जी जोशी, विद्या भारती के अ.भा. संगठन मंत्री श्री ब्राह्मदेव शर्मा (भाई जी), पूर्व सांसद श्री रामनाथ कोविद, उत्तराञ्चल के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, रा.स्व.संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह श्री दर्शनलाल अरोड़ा, क्षेत्रीय प्रचारक श्री रामलाल, क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्री ज्योति, उत्तराञ्चल प्रान्त के प्रान्त प्रचारक श्री शिव प्रकाश, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संचालक श्री आशीष सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे। राकेश गिरी
दिल्ली
यमुना की लहरों के बीच काव्य-गंगा
गत 7 अक्तूबर को यमुना तट (दिल्ली) पर शरद ऋतु के स्वागत में एक कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। इसका आयोजन श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष एवं संस्कार भारती के रजत जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में किया गया था। इसमें देशभर से आये प्रमुख कवियों ने काव्य-गंगा बहाई। यमुना की लहरों के बीच बने मंच, मंच के आसपास जल में तैरते नन्हें-नन्हें दीप, और गहरे नीले आकाश में पूर्ण चन्द्र, ऐसे ही सुमधुर वातावरण में आयोजित इस कवि सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया। विशिष्ट अतिथि थीं पूर्व केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज।
कवि सम्मेलन का शुभारम्भ श्री लाजपत राय विकट ने अपने गीत, “केशव के अनुयायी माधव” से किया। इसके बाद प्रेम की डगर की मुश्किलें बयान करते हुए श्री सुनील जोगी ने व्यंग्यात्मक गीत पढ़ा-
मुश्किल है अपना मेल प्रिये।
ये प्यार नहीं है रखेल प्रिये।।
दीपावली के आगमन पर दीप से गुप्तगू करते हुए श्री गोपाल कृष्ण अरोड़ा ने अपनी काव्य-भंगिमा श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की। राष्ट्रवाद को नमन करते हुए श्री गजेन्द्र श्री सोलंकी ने अपनी काव्य रचना पढ़ी।
सीतापुर (उत्तर प्रदेश) से आये कवि श्री कमलेश मौर्य ने दिल्ली में फैले डेंगू बुखार पर अपनी रचना प्रस्तुत की-
न फूलों से न खार से डर लगता है।
मुझे डेंगू बुखार से डर लगता है।।
सम्मेलन का संचालन कर रहे श्री राजेश जैन चेतन ने भगवान राम के चरित्र को रेखांकित करते हुए कविता पढ़ी। प्रसिद्ध शायर श्री मुनव्वर राणा ने अपनी कोमल भंगिमा वाली गजल पढ़ श्रोताओं की भरपूर तालियां लूटीं-
ये चिड़िया भी मेरी बेटी से कितनी मिलती जुलती है।
कहीं पर-शाख दिख जाएं तो झूला डाल लेती है।।
डा. गोविन्द व्यास ने गांधीगिरी का ढोल पीटने वालों पर व्यंग्य करते हुए कहा-
मरते-मरते तेरा माली कह गया है।
तेरा राजघाट केवल कसम खाने के लिए रह गया।।
कार्यक्रम में श्रीगुरुजी गोलवलकर सम्मान से अलंकृत वरिष्ठ कवि श्री कृष्ण मित्र ने संस्कारों पर छा रहे संकट को रेखांकित करते हुए कहा-
संस्कारों की पावनता संकट में है।
त्योहारों की निश्छलता संकट में है।।
रात पौने बारह बजे तक चले इस कवि सम्मेलन का समापन शरद चांदनी में खीर वितरण से हुआ। -प्रतिनिधि
रूड़की
स्वदेशी का प्रयोग करें, स्वालम्बी बनें
-स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि जी
“वैश्वीकरण के कारण बाजारवाद का जो नया स्वरूप हमारे सामने आया है, वह न तो हमारी संस्कृति से मेल खाता है और न ही उसमें भारत के आर्थिक हित सुरक्षित हैं। देश की आर्थिक नीति बनाते समय हमें अपना तंत्र, अपना संस्कार और अपनी आवश्यकता देखनी चाहिए। विश्व की नकल करने से कोई लाभ नहीं होगा।” उक्त विचार हैं स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री श्रीश देवपुजारी के। श्री पुजारी गत दिनों रुड़की में आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में बेरोजगारी की दर वर्ष 2001 की 7.3 प्रतिशत से बढ़कर 9.4 प्रतिशत हो गई है। देश पर कर्जा बढ़ा है। व्यापार संतुलन भी हमारे पक्ष में नहीं है, तो फिर हम किस विकास की बात कर रहे हैं?
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जीवनदीप आश्रम के संचालक स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि जी महाराज ने कहा कि जिन क्षेत्रों में लोग भूखे-प्यासे मर रहे हैं, वहां टी.वी. और टेलीफोन के टावर लगाने से क्या लाभ है? देशवासियों से विदेशी के स्थान पर स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग करने का आह्वान किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक श्री रामेश्वर प्रसाद, विभाग प्रचारक श्री सुधीर कुमार, विद्या भारती के प्रान्तीय संगठन मंत्री श्री लोकेन्द्र, कार्यक्रम के संयोजक जगदीश गुप्ता, पं. रमेश सेमवाल आदि ने भी संगोष्ठी में विचार व्यक्त किए। संचालन श्री राकेश गिरि ने किया। प्रतिनिधि
बिलासपुर
कन्या पूजन उत्सव सम्पन्न
गत दिनों बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के निमित्त विशाल कन्या पूजन समारोह का आयोजन किया। सेवा भारती की स्थानीय इकाई द्वारा आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता रामकृष्ण आश्रम, रायपुर के पूज्य स्वामी सत्यरूपानंद जी महाराज ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवा भारती, मध्य क्षेत्र के संरक्षक श्री विष्णु कुमार, राज्य के वित्त मंत्री श्री अमर अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री डा. कृष्णमूर्ति बांधी एवं सांसद श्री पुन्नूलाल मोहले उपस्थित थे।
कार्यक्रम में दूर-दराज के क्षेत्रों से आईं सैकड़ों कन्याओं का विधिवत् पूजन किया गया। इसके बाद सहभोज हुआ, जिसमें कन्याओं, उनके पालकों एवं अन्य लोगों ने भाग लिया। भास्कर
एकता से समरसता बढ़ेगी
-श्रीकृष्ण महेश्वरी, संघचालक, रा.स्व.संघ, मध्य क्षेत्र
गत दिनों सीधी (म.प्र.) में अखिल भारतीय सामाजिक समरसता अभियान समिति द्वारा श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में एक सम्मेलन एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (मध्य क्षेत्र) के संघचालक श्री श्रीकृष्ण महेश्वरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनुष्य को जाति-पाति एवं आपसी भेदभाव मिटाकर आपस में मिल-जुलकर रहना होगा तभी समाज में समरसता की कल्पना को साकार रूप प्रदान किया जा सकता है। सामाजिक समरसता अभियान समिति (मध्य क्षेत्र) के संयोजक श्री जे.एल.गुप्ता ने भी हिन्दू एकजुटता पर जोर दिया। संगोष्ठी को समाजसेवी श्री एस.एल.आम्रवंशी, जनजातीय समाज के मुखिया श्री फतेह बहादुर सिंह मरकाम, जिला संघचालक श्री बालाजी, श्री हजारीलाल, श्री सुसुई प्रसाद सोंधिया, श्री वीरेन्द्र सिंह परिहार, श्री लक्ष्मण सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया। प्रतिनिधि
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