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-हरिद्वार से राकेश गिरि
उत्तरांचल की मांग को लेकर हुए आन्दोलन के समय रामपुर तिराहा गोली काण्ड के कारण खलनायक बने मुलायम सिंह यादव ने अब हरिद्वार की मर्यादा पर आघात किया। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट आ रहे हैं मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का हिन्दुओं को चिढ़ाते हुए मुस्लिम तुष्टीकरण बढ़ता जा रहा है। मुस्लिम वोटों को लुभाने के लिए हिन्दू आस्था पर चोट करने की नीति पर चलने वाली समाजवादी पार्टी का नया कारनामा है तीर्थ नगरी हरिद्वार की मर्यादा भंग करना। मुलायम सिंह यादव के सामने ही उनके चहेते मंत्री और भारत माता को “डायन” बताने वाले मोहम्मद आजम खान के नेतृत्व में गंगा घाट पर न केवल नमाज पढ़ी गई वरन् रोजा इफ्तार के नाम पर मांस भी परोसने के समाचार हैं। (इसके फोटो और वीडियो की जांच हो सकती है।)
उल्लेखनीय है कि गत 14 से 16 अक्तूबर तक हरिद्वार में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक सम्पन्न हुई। हर की पैड़ी के सामने की तरफ बने सिंचाई विभाग के विश्राम गृह में आयोजित इस बैठक के दूसरे दिन (15 अक्तूबर) सायंकाल कार्य समिति के मुस्लिम सदस्यों ने नमाज पढ़ी। चूंकि उन दिनों रोजे भी चल रहे थे, इसलिए सायंकाल नमाज के बाद इफ्तारी भी हुई, जिसमें मांस परोसा गया। दूसरे दिन जैसे ही यह खबर नगरवासियों को मिली वहां तनाव उत्पन्न हो गया। हिन्दू जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद्, हिन्दू क्रांति दल, दुर्गावाहिनी, भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना के कार्यकर्ताओं के साथ ही संत समाज ने भी इस कृत्य की निंदा की और प्रदर्शन किया। घटना के अगले दिन नगर के प्रसिद्ध शिवमूर्ति चौक पर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर मुलायम सिंह यादव का पुतला फूंका और वहां से वी.आई.पी. घाट की तरफ कूच किया। लेकिन रास्ते में ही पुलिस-प्रशासन की आड़ लेकर समाजवादी पार्टी के अराजक तत्वों ने उनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया, जिससे नगर का वातावरण तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने जैसे-तैसे मामला शांत तो कर दिया लेकिन हरिद्वार में हुए इस अधार्मिक कृत्य को लेकर मुलायम सिंह यादव अब भी निशाने पर हैं।
हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष श्री प्रेम चन्द सैनी, भाजपा विधायक श्री मदन कौशिक, संत शक्ति प्रकोष्ठ के महामंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द के नेतृत्व में 18 अक्तूबर को गंगा घाट का शुद्धिकरण किया गया। पहले गोबर से लिपाई और फिर दूध तथा गंगाजल से घाट को धोया गया। लेकिन हरिद्वारवासियों का आक्रोश अभी कम नहीं हुआ है तथा मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध प्रतिदिन कोई न कोई समाज या संगठन निंदा प्रस्ताव पारित कर रहा है। दरअसल विरोध इस बात को लेकर है कि हरिद्वार में पवित्र गंगा तट पर जो कृत्य समाजवादी पार्टी के लोगों ने किया वैसा दु:साहस अंग्रेज तो क्या मुगल शासक भी नहीं जुटा पाए थे। अंग्रेजों ने तो हरिद्वार के धार्मिक महत्व को देखते हुए 1938 में एक कानून भी बनाया था, जो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उसी रूप में स्वीकार किया गया और नगर पालिका के कानूनों में आज भी जस का तस लागू है। इस नियम के अनुसार हर की पैड़ी की 2 किलोमीटर की परिधि में किसी भी गैरहिन्दू का रात्रि में विश्राम वर्जित है। इसी नियम को ध्यान में रखकर हर की पैड़ी, ब्राह्मकुण्ड तथा जम्बू घाट पर किसी गैरहिन्दू कर्मचारी की तैनाती नहीं की जाती। वैसे भी हरिद्वार धार्मिक नगरी घोषित है इसलिए पूरे हरिद्वार में मांस तथा मदिरा के बेचने पर पाबंदी है। अब समाजवादी पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि शाम की बैठक के बाद रोजा इफ्तारी में फल बांटे गए थे, मांस नहीं परोसा गया था। जबकि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि वहां मांस परोसा गया था।
दूसरी बात यह भी है कि जिस वी.आई.पी. घाट पर यह कार्यसमिति बैठक हुई वह हर की पैड़ी से मात्र 200 मीटर के दायरे में है। वहां रोजा इफ्तारी के नाम पर नमाज पढ़ा जाना भी गैरकानूनी है। इस सम्बंध में हरिद्वार के हिन्दू संगठनों का कहना है कि वे मुस्लिम भावनाओं का सम्मान करते हैं पर हिन्दू तीर्थस्थलों के लिए निर्धारित मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इसके लिए मुस्लिम समाज से कहीं अधिक समाजवादी पार्टी और उसके नेता दोषी हैं, जो वोट बैंक के लालच में हिन्दू आस्थाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस पूरे प्रकरण पर हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष श्री प्रेम चन्द सैनी ने सपा नेताओं के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए कहा है कि इन लोगों ने हरिद्वार की पवित्रता पर चोट की है। श्री सैनी ने इस बात पर भी अचरज प्रकट किया कि जो गंगा नहर व गंगा नदी सफाई के लिए रोक दी गई थी, उसमें समय से पूर्व, बिना सफाई किए पानी कैसे छोड़ दिया गया? उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग तीर्थयात्रियों की भावनाओं की अनदेखी कर अपने हिसाब से गंगा नहर का पानी रोकता रहता है लेकिन इस बार मुलायम सिंह यादव के आगमन का समाचार पाकर उसने समय से पूर्व ही गंगा नदी और गंगा नहर में पानी छोड़ दिया। और जिसके लिए गंगा का जल छोड़ा उन्हीं लोगों ने गंगा की पवित्रता और मर्यादा को कलंकित किया है।
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