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आने वाले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल फिर से विवेकानन्द और सुभाषचंद्र बोस की सुगंध की तड़प लिए कम्युनिस्टों के शिकंजे से आजादी मांग रहा है। क्या चुनाव आयोग यहां भी सच्चाई और ईमानदारी के साथ चुनाव कराने में सफल होगा? बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों के प्रवास और विभिन्न दलों के राजनेताओं से बातचीत करके लौटे आलोक गोस्वामी की विशेष पश्चिम बंगाल श्रृंखला अगले अंक से पढ़ें।विशेष साक्षात्कार- सिद्धार्थ शंकर रे, अब्दुल गनी खां चौधरी, डा. प्रताप चंद्र चंदर, प्रो. तथागत राय, पंकज बनर्जी, डा. बारुन मुखर्जी एवं सुनंद सान्याल20
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