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दुनिया में किस देश के युवा सर्वाधिक प्रसन्नचित्त रहते हैं? एम.टी.वी. इन्टरनेशनल ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए दुनिया के 14 देशों के 16 से 34 वर्ष के युवकों के मध्य एक सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के नतीजे जब सामने आए तो दुनिया में विकसित कहे जाने वाले अनेक देशों के “सुख-संसार” की कलई खुल गई। भारतीय युवक संसार में सर्वाधिक प्रसन्न या खुश रहने वाले माने गए जबकि जापान के नवयुवक सर्वाधिक खिन्न या निराश। ब्रिटेन और अमरीका में जहां 30 प्रतिशत युवाओं ने कहा कि वे सुखी हैं, वहीं जापान में मात्र 8 प्रतिशत युवाओं के चेहरे पर खुशी दिखी। दूसरी ओर भारत में न्यूनतम 60 प्रतिशत और कहीं-कहीं तो 90 प्रतिशत तक युवाओं ने अपनी जिन्दगी को खुशहाल बताया। सर्वेक्षकों का निष्कर्ष है कि विकासशील देश होने के कारण यहां के युवा आशावादी हैं तथा उनमें पायी जाने वाली आध्यात्मिक प्रवृत्ति के कारण भी वे प्रसन्नचित्त रहते हैं।
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