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यात्रियों के कारण पर्यावरण पर खतरा बढ़ा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा, अनंतनाग संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं जम्मू -कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है कि अमरनाथ यात्रियों के कारण पहलगाम सहित अमरनाथ गुफा तक के पूरे यात्रा मार्ग का पर्यावरण दूषित हो रहा है। महबूबा की चिंता सिर्फ पर्यावरण को लेकर ही नहीं है। पिछले दिनों अपने एक वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि “यह यात्रा कश्मीरी नागरिकों के हितों के खिलाफ है।” कश्मीर नागरिकों के बहाने “कश्मीरी मुसलमानों के हितों” की वकालत करते हुए महबूबा ने आरोप लगाया कि अमरनाथ गुफा बोर्ड पहलगाम और कंगन के मुसलमानों की अनदेखी कर रहा है। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ले.जन. एस. के. सिन्हा अमरनाथ गुफा बोर्ड के पदेन अध्यक्ष हैं। पिछले वर्ष भी जब राज्यपाल ने अमरनाथ यात्रा का समय दो महीने करने का निर्णय लिया था, उस समय भी महबूबा और उनके मुख्यमंत्री पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने इस निर्णय का विरोध किया था और यात्रा अवधि बढ़ने के कारण पर्यावरण संकट का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने अमरनाथ यात्रियों की बढ़ती संख्या पर भी आपत्ति प्रकट की थी।
एक तरफ जहां अमरनाथ यात्रा पर गए भक्त आतंकवादियों की धमकियों, हमलों के बावजूद पूरे उत्साह से बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार की प्रमुख सहयोगी पी.डी.पी. की नेता महबूबा मुफ्ती की भाषा ने कश्मीर के राजनीतिक दलों के तेवरों को उजागर कर दिया है। राजनीतिक समीक्षकों के अनुसार पूरे मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी अत्यंत रहस्यमय और खतरनाक है। अमरनाथ यात्रा के कारण कश्मीर का शेष भारत के जनमानस से भावात्मक जुड़ाव व्यावहारिक धरातल पर दुनिया को दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि यात्रा की दिन-प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता ने आतंकवादियों सहित अलगाववादी कश्मीरी नेताओं के कान खड़े कर दिए हैं।
इधर पर्यावरण के मुद्दे पर अमरनाथ गुफा बोर्ड का कहना है- “अमरनाथ यात्रा मार्ग और उससे जुड़े स्थानीय ग्रामवासियों की समस्याओं, शिकायतों से हम अवगत हैं और उनका समाधान भी हो चुका है। रहा पर्यावरण का सवाल तो अमरनाथ यात्रा में लगभग 5 लाख तीर्थयात्री आते हैं, जबकि माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए प्रति वर्ष 60 लाख यात्री आते हैं। माता वैष्णो देवी के दर्शनार्थियों के कारण जब पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ा है तो फिर अमरनाथ यात्रा के कारण किसी दुष्प्रभाव की शंका करना व्यर्थ है। पूरे यात्रा मार्ग पर कचरे, प्लास्टिक आदि को उठाने और अन्य प्रकार की गन्दगी न फैलने देने के लिए विशेष प्रबंध भी किए गए हैं।” (त्रि.सं.के., जम्मू-कश्मीर)
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