सम्पादकीय
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सम्पादकीय

by
Dec 6, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Dec 2005 00:00:00

हमारे देश में राजनीति का उपयोग या तो अपने को आगे बढ़ाने की सीढ़ी के तौर पर किया जाता है और नहीं तो वह अवकाश के समय हमारे विनोद का साधन होती है।-महात्मा गांधी (जी.एस.अरुंडेल को पत्र, 4-8-1919)कितनी राजनीति?अगर कोई भारतवर्ष के अखबारों तथा इलेक्ट्रानिक चैनलों पर प्रसारित होने वाले समाचारों को देखे तो यह पाएगा कि इस देश में सिवाय राजनीति के और कोई धंधा होता ही नहीं है। यहां केवल राजनीति के कारखाने हैं, राजनीति की दुकानें हैं, राजनीति के विद्यालय हैं, राजनीति के ही माफिया अड्डे हैं। और बाकी जो कुछ भी है वह इतना गौण, नगण्य तथा प्रकाशन के अयोग्य है कि जिसके बारे में कुछ न छापना ही इस देश के बौद्धिक पुरुष तथा लेखक और पत्रकार उचित मानते हैं।विडम्बना तो यह है कि जो लोग कहते हैं कि वे राजनीति से दूर हैं तथा जो राजनीति के संदर्भ में दिल खोलकर आलोचनात्मक टिप्पिणयां करते हैं, वे स्वयं राजनीति के दलदल में गले तक धंसे दिखते हैं। समाचार पत्रों का तो हाल यह है कि दिल्ली, पटना, श्रीनगर जैसे राजनीतिक गर्मी से भरे केन्द्रों के अलावा बाकी के बारे में उनकी चिन्ताएं तथा संवेदनाएं लगभग मर चुकी हैं। अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग और तिरप जिले में पिछले दिनों वहां के राज्यपाल गए। केवल उनके जाने की ही खबर इसलिए बनी क्योंकि पिछले 13 वर्ष से कोई भी राज्यपाल वहां नहीं गया था। क्यों नहीं गया था? इसलिए नहीं गया था क्योंकि वहां पर चर्च द्वारा समर्थित नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड ( नेसोकाना) के आतंकवादियों का जबरदस्त दबदबा था। इस कारण उस क्षेत्र में राज्यपाल भी नहीं जाते थे। लेकिन वह क्षेत्र ऐसा बना क्यों? वहां के लोग किस प्रकार से रह रहे हैं? किस प्रकार वहां आतंकवादी गतिविधियों का प्रसार हो रहा है और सरकार का उनके संदर्भ में क्या रुख रहा है? इसके बारे में किसी भी समाचार पत्र में कुछ नहीं छपा।ऐसा लगता है कि जहां केन्द्र की सत्ता को प्रभावित करने वाली गोटियां और शतरंज की बिसात नहीं होतीं वे क्षेत्र भारत वर्ष की तथाकथित मुख्यधारा के समाचार माध्यमों के लिए संदर्भहीन हो जाते हैं। यही स्थिति लक्षद्वीप, अंदमान और लेह जैसे दूरस्थ इलाकों के बारे में है। इनके बारे में तो कोई समाचार तब तक नहीं छपता जब तक सुनामी जैसा बड़ा हादसा न हो जाए। लेह में पिछले दिनों असाधारण रूप से हिमपात हुआ, सैलानी अटके। उसके बाद वहां राजनीतिक गठजोड़ ऐसा हुआ कि जो लोग लेह को केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पिछले वर्ष कांग्रेस से अलग हुए थे और जिन्होंने केन्द्र शासित प्रदेश मोर्चा बनाया था, उसके अधिकांश लोगों को कांग्रेस ने फिर से तोड़कर मुफ्ती सईद की सरकार में अच्छे पद दे दिए। एक सीमावर्ती क्षेत्र में इस प्रकार की हलचल का भारत के शायद ही किसी राष्ट्रीय समाचार पत्र में दो पंक्तियों में भी समाचार छपा हो। यह भले ही राजनीतिक समाचार होगा परन्तु इसका असर वहां के माहौल पर काफी तीव्रता से पड़ा।इसी प्रकार अब किसानों की आत्महत्याएं खबर रह ही नहीं गई हैं। उत्तर भारत और दक्षिण भारत में किस प्रकार से बदलाव हो रहा है और यह विभाजन रेखा कैसे हर दिन बढ़ती जा रही है, इसके बारे में भी भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों में तो सामान्यत: बहुत कुछ पढ़ने को नहीं मिलता। पढ़ने को अगर मिलता है तो यही बातें कि कान फिल्म महोत्सव में भारतीय अभिनेत्रियों का जलवा किस तरह से छा गया। या हमारे राजनीतिक नेताओं की यात्राओं का सिलसिला कैसे जोर पकड़ रहा है।अब तो बुद्धिकेन्द्रित गतिविधियों में रचे-रमे लोग भी इस बारे में आवाज उठाने में संकोच करते हैं।क्या भारत सिर्फ राजनीति है? इसके अलावा और कुछ भी नहीं?NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation sindoor

अविचल संकल्प, निर्णायक प्रतिकार : भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संदेश

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

‘आपरेशन सिंदूर’: दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation sindoor

अविचल संकल्प, निर्णायक प्रतिकार : भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संदेश

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

‘आपरेशन सिंदूर’: दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies