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मुस्लिम महिलाओं के जीवन में काजियों का दखल बन्द होप्रतिनिधिमुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक विकास का अध्ययन एवं मूल्यांकन करने के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति गत दिनों भोपाल पहुंची। समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेन्द्र सच्चर ने समिति के अन्य सदस्यों के साथ भोपाल के एक होटल में स्थानीय मुस्लिम प्रतिनिधियों से मुलाकात की। चर्चा के दौरान साहित्यकार डा. शफीका फरहत ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महिलाओं के खिलाफ है। डा. फरहत के साथ उपस्थित अन्य महिलाओं ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं की निजी जिन्दगी में काजियों का हस्तक्षेप बन्द होना चाहिए। समिति के समक्ष मुस्लिम महिलाओं ने एक समान नागरिक कानून की मांग की। यद्यपि समिति ने इसे अपने कार्यक्षेत्र से बाहर का विषय बताकर खारिज कर दिया। शहर काजी ने समिति के समक्ष कहा कि काजियों को न्यायाधीशों के समान अधिकार मिलने चाहिए, इससे देश में अदालतों का बोझ कम होगा। कई अन्य प्रतिनिधियों ने मुस्लिमों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण, उर्दू को सरकारी भाषा का दर्जा देने, काजी एक्ट लागू करने, इमामों, मुअज्जिनों को वेतन देने, विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती करने, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की तर्ज पर एक अन्य विश्वविद्यालय बनाने, वक्फ संपत्ति का समुचित प्रबंधन आदि अनेक मांगें समिति के समक्ष रखीं। समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सच्चर ने इस अवसर पर पत्रकारों को बताया कि वह अगले वर्ष मई मास तक अपनी रपट प्रधानमंत्री को सौंप देंगे। समिति देश के आठ राज्यों में अपना सर्वे करेगी।प्रतिनिधिNEWS
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