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स्वाभिमान, स्वदेशी और सुराज के लिए लड़ूंगी- प्रतिनिधिशिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद दिए जाने का विरोध करने वालीं उमा भारती को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। पार्टी के संसदीय बोर्ड ने उनको पार्टी विरोधी गतिविधियों का दोषी पाते हुए यह निर्णय लिया और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए? उन्हें जवाब के लिए तीन दिनों का समय दिया गया। संसदीय बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, डा. मुरली मनोहर जोशी, श्री बेंकैया नायडू, श्रीमती सुषमा स्वराज, श्री अरुण जेटली व श्री प्रमोद महाजन उपस्थित थे। इसके पूर्व 29 नवम्बर को भाजपा ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी आचरण के खिलाफ 13 विधायकों को नोटिस दिया और 10 नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया।उधर निलम्बन के बाद उमा भारती ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि चूंकि वे भाजपा के सिद्धांतों और विचारधारा की बात कर रही हैं, इसलिए असली भाजपा वे ही हैं। वे पार्टी में रह कर ही स्वाभिमान, स्वदेशी और सुराज की लड़ाई लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि “लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी मेरे पिता तुल्य हैं। व्यक्तिगत राग-द्वेष से उपर उठकर मुद्दे सुलझाने की जरूरत है। व्यक्तियों का कोई महत्व नहीं है, व्यक्ति आते-जाते रहते हैं। लड़ाई विचारधारा और लोकतांत्रिक तरीके के बारे में है और इसमें संवाद की गुंजाइश है। मैं पं. दीनदयाल उपाध्याय के रास्ते पर चल रही हूं। यही विचार का रास्ता है। इसमें मुझे अटल जी और आडवाणी जी का आशीर्वाद मिलेगा, ऐसी आशा करती हूं। रा.स्व.संघ के अधिकारियों ने विचारधारा, आचरण, सही कार्य पद्धति और पीढ़ी बदलने का आग्रह सात्विक भाव से रखा है। मैं उसकी दृढ़ हिमायती हूं।” उन्होंने अटल जी और आडवाणी जी से निवेदन किया कि इसे किसी संगठनात्मक कानून व्यवस्था का मसला न समझें और अधिक गहराई से विचार करने का मन बनाएं।- प्रतिनिधिNEWS
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