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इंदौर से दीपक नाईकसम्मेलन में उपस्थित देशभर से आए पूर्णकालिक कार्यकर्तादेवी अहिल्या की नगरी इंदौर में गत 22-24 अप्रैल को सेवा भारती ने संपूर्ण भारतवर्ष के एकल विद्यालयों के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय कुंभ आयोजित किया। स्थानीय मल्हार आश्रम में लगभग चार हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के इस सम्मेलन का उद्घाटन भारत माता मंदिर, हरिद्वार के अधिष्ठाता स्वामी सत्यमित्रानंद जी ने किया। अध्यक्षता विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल ने की। विशेष अतिथि के रूप में बिशनपुर, झारखण्ड से प्रांतीय आरोग्य प्रमुख सुश्री चंद्रमती कुमारी उपस्थित थीं।एकल विद्यालय छुआछूत मिटाने का कार्य करें-अशोक सिंहल, अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद्सम्मेलन में उपस्थित देशभर से आए पूर्णकालिक कार्यकर्ताशिक्षा, संस्कृति और संस्कार की त्रिवेणी के माध्यम से भारत में रामराज्य लाने के संकल्प के साथ इस कुंभ की विधिवत शुरुआत हुई। उद्घाटन सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्वामी सत्यमित्रानंद जी ने कहा कि अरण्य और रण, दोनों से ही देश को बल मिला है और इन्हीं की प्रेरणा से उत्पत्ति हुई है एकल विद्यालयों की। राष्ट्र निर्माण में इन विद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये विद्यालय एक उत्कृष्ट राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी होंगे। एकल विद्यालयों के इतिहास की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत तो महर्षि वाल्मीकि ने लव-कुश को शिक्षा देकर कर दी थी। वर्तमान परिदृश्य की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पांच सितारा होटलों में बैठकर देश का विकास नहीं किया जा सकता है।द्वितीय सत्र में श्री अशोक सिंहल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति-ज्ञान के प्रचार-प्रसार में लगे कार्यकर्ताओं के सेवाभाव की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से कार्यकर्ता हिन्दू संस्कृति और इतिहास की रक्षा करते हुए आम ग्रामीण को कुरीतियों के अंधकार से बाहर निकालें, छुआछूत दूर करें।कार्यकर्ता-कुंभ के दूसरे दिन सुबह नगर के विभिन्न मार्गों से प्रेरणा यात्रा निकली। लगभग 25 राज्यों से आए परम्परागत परिधानों में सजे वनवासी युवक-युवतियों ने अपने लोक वाद्ययंत्रों के साथ संपूर्ण नगर में वनवासी संस्कृति की छटा बिखेरी। दोपहर में रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने सत्र को सम्बोधित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपने उद्देश्य को तन-मन-धन से पूर्ण करने का आह्वान किया। रामायण, महाभारत आदि विभिन्न शास्त्रों में निहित संदेशों के माध्यम से उन्होंने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया।अंतिम दिन साध्वी ऋतंभरा ने राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका विषय पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत की गौरवशाली परम्परा और संस्कृति को मातृशक्ति ने ही संवारा है। इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा को “एकल विद्यालय योजना” के रामसाधक कार्यक्रम का राष्ट्रीय संरक्षक भी घोषित किया गया। एकल विद्यालय कार्यक्रम के राष्ट्रीय प्रभारी श्री श्याम गुप्त ने कार्यकर्ताओं से संकल्प करवाया। इस अवसर पर उन्होंने एकल विद्यालय फाउण्डेशन की आगामी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि देश में सन् 2011 तक 1 लाख एकल विद्यालय खोलने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यकर्ता कुंभ के समापन सत्र में जीटीवी के अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्रा उपस्थित थे। जीटीवी के कार्यक्रम “सारेगामा” और “इण्डियाज बेस्ट सिनेस्टार की खोज” के कलाकारों ने इस अवसर पर अपनी प्रस्तुति दी।NEWS
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