संस्कृति सत्य
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

संस्कृति सत्य

by
Jul 8, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 Jul 2005 00:00:00

सेठ मूंगालाल का दानवचनेश त्रिपाठी “साहित्येन्दु”वचनेश त्रिपाठी “साहित्येन्दु”1950 का प्रसंग है जब मैं हिन्दी दैनिक स्वदेश लखनऊ के सम्पादक अटल बिहारी वाजपेयी के साथ सह-सम्पादक का कार्य करता था। वहीं रहते हुए मैंने उ.प्र. के तत्कालीन राज्यपाल कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी द्वारा हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद की “उत्तम” (साहित्य रत्न) परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हीं दिनों एक भेंटवार्ता में राज्यपाल मुंशी ने एक संस्मरण सुनाया कि-एक दिन उनके निवास पर एक आदमी लट्ठे की धोती और वंडी पहने, माथे पर चंदन का तिलक और गले में तुलसी की माला धारण किए, देखने में मामूली आदमी ही लगता था, आया। पूछने पर पता चला कि उसका नाम मंूगा लाल है। ध्यान से देखने और याद करने पर मुंशी जी को याद आया कि वह उनका मुवक्किल रह चुका है। उसने कहा, “वकील साहब, मुझे आप एक राय दीजिए। मुझे “टाटा डेफर्ड” के शेयरों से 6 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है। मैं उस राशि को सेवाकार्य के लिए किसे दान कर दूं।” मुंशी जी को उसकी बात पर विश्वास न हुआ। न ही उन्होंने उस बात को गंभीरता से लिया। टालते हुए उन्होंने कह दिया, “ठीक है जब आप धन देना चाहेंगे तो मैं सलाह दूंगा।” मूंगालाल उस समय तो लौट गया लेकिन कुछ दिन बाद फिर आ गया। मुंशी जी ने जब उस पर प्रश्न सूचक दृष्टि डाली तो गिड़गिड़ाते हुए कहने लगा, “वकील साहब, “टाटा डेफर्ड” के शेयरों की कीमतें फिर बढ़ जाने से मुनाफे की राशि 8 लाख हो गई है। अत: बताएं कि यह राशि कहां दान करूं?”मुंशी जी चकित-स्तंभित रह गए। उन्हें शक हुआ कि इसका दिमाग सही है भी या नहीं? इतने में वह पुन: बोल पड़ा-“वकील साहब मेरी बात से आप नाराज न हों। अगर आप सोच में पड़ गए हों तो यही बता दें कि 8 लाख रुपए संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति और गोमाता की सेवार्थ दे दूं तो ठीक रहेगा। आप मुझे पागल या सिरफिरा तो नहीं समझ रहे हैं?” मुंशी जी ने कहा, “इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है। आपका विचार बहुत काम का है।”इतना कहकर मुंशी जी अपने काम में लग गए। लेकिन जाते-जाते वह आदमी कह गया, “वकील साहब, आपकी सहमति से मेरे दिल को बहुत तसल्ली मिली है। मैं जाता हूं।” कुछ समय बाद वह फिर आ गया और मुंशी जी से कहा, “आपके भाग्य से आज सोमवती अमावस्या का शुभ दिन है। पंडित जी ने दोपहर 12 बजे से पहले ही दान देने को कहा है इसलिए में 2 लाख रुपए गोमाता की सेवा के लिए और 6 लाख रुपए संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति-सेवार्थ दान करता हूं। आप कृपया स्वीकार करें।”मुंशी जी को अब गुस्सा आ गया और कहने लगे, “रोज लम्बी-चौड़ी बातें करके मेरा समय बर्बाद करते हो, दान क्या सिर्फ बातों से होता है? आठ लाख रुपए हैं भी तुम्हारी जेब में?” वह बोला, “बस! आपके हुक्म की देर है। अभी फोन करके रुपए मंगा देता हूं।” तब मुंशी जी चौंके और एक आदमी 10 बजे नोटों से भरी थैली लेकर उनके पास आ गया। यह राशि दान करते हुए मूंगालाल फूले नहीं समा रहा था। वह कह रहा था, “वकील साहब,” “मैं अपनी हैसियत भूला नहीं हूं। मैं एक गरीब मारवाड़ी, राजस्थान से सिर्फ लोटा-डोर लेकर बम्बई आया था। व्यापार” करते हुए प्रभु ने जो कुछ दिया उसमें मेरा क्या, उसी की कृपा का प्रसाद है।” मुंशी जी उसकी निरहंकारिता से स्तंभित थे। 8 लाख रुपए के इस दान से भारतीय विद्या भवन निर्माण की मुंशी जी की कल्पना साकार हुई। इसी राशि से इस भवन की नीवं रखी गई।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय वायुसेना की महिला पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने की बात झूठी, PIB फैक्ट चेक में खुलासा

भोपाल में लव जिहाद के विरोध में प्रदर्शन करतीं महिलाएं

लव जिहाद के विरुद्ध उतरीं हिंदू महिलाएं

CG Ghar Wapsi Sanatan Dharama

घर वापसी: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में 10 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies