बैक फ्राम डेड के युवा लेखक अनुज धर कहते हैं
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बैक फ्राम डेड के युवा लेखक अनुज धर कहते हैं

by
May 6, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 May 2005 00:00:00

यह लम्बी लड़ाई हैवार्ताधारितपुस्तक “बैक फ्राम डेड” का आवरणसन् 2001 की बात है। हिन्दुस्तान टाइम्स डॉट कॉम के लिए हमने नेताजी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई “मृत्यु” की पड़ताल शुरू की थी। हिन्दुस्तान टाइम्स डॉट कॉम ने काफी खोजबीन के बाद कहा है कि 1945 में उस दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु नहीं हुई थी और शायद वे रूस चले गए थे। नेताजी से जुड़े तथ्यों में फैजाबाद का एक दिलचस्प आयाम भी जुड़ा है। 2003 में मैंने इस ओर खोज शुरू की थी। मुझे अन्य स्रोतों से भी कई अन्य जानकारियां मिल रही थीं। जब मेरे पास पर्याप्त सामग्री इकट्ठी हो गई तो मुझे लगा कि क्यों न देशवासियों के साथ इन तथ्यों को बांटा जाए। इसी में से इस पुस्तक “बैक फ्राम डेड” का जन्म हुआ। मैंने अपनी पुस्तक में जितने संभव हुए, तथ्य दिए हैं। एक और चौंकाने वाली बात बताता हूं। 2004 की शुरुआत में मेरी यह पुस्तक लिखी जा चुकी थी लेकिन साल भर यहां-वहां भटकने के बावजूद कोई प्रकाशक इसे छापने को तैयार नहीं हुआ था। लोग इसे बड़ा “खतरनाक मुद्दा” मानते थे, छापने से कतराते थे। मुझे लगता है कि वो तब तक केन्द्र में सत्तारूढ़ हो चुकी कांग्रेस की सरकार से डरते थे। आखिर में 2005 की शुरुआत में मानस प्रकाशन ने इसे छापा। मार्च, 2005 में श्री जार्ज फर्नांडीज ने इसे लोकार्पित किया।नेता जी का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि कम्युनिस्टों को छोड़कर देश का कोई भी व्यक्ति, खासकर वह युवा जो अपनी माटी से खुद को जुड़ा मानता है, उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है।बहरहाल, 25 अगस्त, 1947 को हिन्दुस्थान के अखबारों में खबर छपी थी कि 18 अगस्त को एक विमान दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु हो गई। लेकिन जिनको उस समय की वैश्विक राजनीति की हल्की सी भी समझ थी, उन्हें कहीं भीतर मालूम था कि नेताजी मरे नहीं थे। 18 अगस्त को जापान ने मित्र देशों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और हालात ऐसे थे कि अगर नेताजी सामने होते तो उन्हें कैद कर लिया जाता। भारत में उस समय जो अंग्रेज वायसराय थे उन्होंने भी अपनी डायरी में लिखा कि “इस व्यक्ति (नेताजी) की दुर्घटना में मृत्यु नहीं हुई है बल्कि वे कहीं गायब हो गए हैं।” अमरीकी और ब्रिटेन की संयुक्त खुफिया जांचें भी हुई थीं। उन्हें भी नेताजी की मृत्यु के सबूत नहीं मिले थे। आजादी के बाद भारत सरकार की ओर से संसद में कहा गया था कि नेताजी की मृत्यु का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। लेकिन बाद में पं. नेहरू ने कहना शुरू कर दिया कि नेताजी की मृत्यु उसी दुर्घटना में हुई थी, किसी जांच की जरूरत नहीं है। इस बीच नेहरू सरकार अपनी एजेंसियों के माध्यम से गुप्त रूप से जांच करवाती रही लेकिन उसके तथ्य कभी सार्वजनिक नहीं किए। 1955-56 में लोगों ने सरकार को चेताया कि अगर उसकी ओर से कोई जांच आयोग नहीं बैठाया गया तो न्यायमूर्ति राधा विनोद पाल की अध्यक्षता में जनता की ओर से आयोग बनाया जाएगा। उन दिनों न्यायमूर्ति पाल बड़े सम्मानित और निष्पक्ष न्यायाधीश माने जाते थे। संभवत: इस धमकी से नेहरू सरकार को होश आया और तत्कालीन रेलमंत्री के संसदीय सचिव शाहनवाज खान की अध्यक्षता में एक दिखावटी आयोग बिठा दिया। कुछ ही दिनों में रपट दे दी गई कि हवाई दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु हुई। नेताजी के बड़े भाई सुरेश बोस ने रपट का विरोध किया तो उनको अपमानित किया गया। सुरेश बोस ने साफ कहा कि सुभाष बाबू मरे नहीं बल्कि रूस चले गए थे, जिसके प्रमाण मौजूद हैं। जबरदस्त विरोध और दबाव के बाद 1970 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने जी.डी. खोसला आयोग बनाया। खोसला गांधी परिवार के नजदीकी थे। 1974 में खोसला आयोग ने, जैसा कि संदेह था, अपनी रपट में नेताजी के दुर्घटना में मारे जाने की बात कही।1990 के दशक में सोवियत रूस के बिखराव के बाद रूस के लोगों ने साफ संकेत दिए कि 1945 के बाद के वर्षों में नेताजी वहां रहे थे। अंतत: एक व्यक्ति ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके सत्य खोजने का अनुरोध किया। अदालत ने सरकार को जांच करने के आदेश दिए। इस तरह मई, 1999 में न्यायमूर्ति मुखर्जी आयोग गठित किया गया। पहले दिन से ही इस आयोग के काम में अड़चनें पैदा की गईं। उन्हें न सहायक दिए गए हैं, न ठीक-ठाक दफ्तर। मुखर्जी आयोग की कार्रवाई को मैंने नजदीक से देखा है और यह कहते हुए मुझे अफसोस होता है कि पेज-3 की चमक-दमक में खोया रहने वाला मीडिया उसमें दिलचस्पी ही नहीं लेता। दूसरे, मुझे संदेह है कि मौजूदा केन्द्र सरकार इस विषय पर गंभीर है। देशवासियों को, मीडिया को सजग रहना होगा कि जांच सही प्रकार चले और अड़चनें न डाली जाएं। कहीं ऐसा न हो कि 1956 और 1974 की तरह इस मामले को फिर कहीं गहरे दबा दिया जाए।(वार्ताधारित)NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies