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हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भतेजस्विनी13 साल की शिवानी और हवा से बातेंप्रतिनिधिछोटी उम्र में ऊंची उड़ान ने शिवानी को उस समय चर्चा में ला दिया था, जब उसका नाम लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड्स में ग्लाइडिंग करने वाली पहली भारतीय बालिका के रूप में दर्ज हुआ। अध्यापक पिता सुरेन्द्र सिंह और गाइड कमिश्नर मां श्रीमती विजय लक्ष्मी की चौथी सन्तान शिवानी ने 13 वर्ष की अल्प आयु में पौड़ी (उत्तराञ्चल) में हिमालय पैरा ग्लाइडिंग संस्थान द्वारा आयोजित साहसिक खेल प्रशिक्षण योजना शिविर के अन्तर्गत यह साहस प्रदर्शित कर उपस्थित लोगों को हर्ष से विभोर कर दिया। इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए शिवानी को 14 नवम्बर, 2004 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। अपने भविष्य को लेकर शिवानी के मन में जो सपने हैं, वह भी उसे आम बच्चों से कुछ अलग करते हैं। वह कहती है, “मैं सेना में भर्ती होऊंगी ताकि देश की सीमाओं की रखवाली कर सकूं।”सरस्वती शिशु मन्दिर में शिक्षा प्राप्त कर चुकी शिवानी की रुचि केवल पैराग्लाइडिंग जैसे जोखिम भरे खेलों में ही नहीं है वरन् उसे संगीत से भी गहरा लगाव है। अपनी मां श्रीमती विजय लक्ष्मी को अपना आदर्श मानने वाली शिवानी की सफलता ने उत्तराञ्चल में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण के विकास में नई सम्भावनाओं के द्वार भी खोल दिए हैं।प्रतिनिधिNEWS
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