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हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भपहाड़ की बेटी देवकी ने कर दिखाया चमत्कारजब कुछ न बचा तो बची उम्मीदभारत चौहानकेन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम से पुरस्कारग्रहण करती हुई देवकी देवीविपरीत परिस्थितियों में जूझते रहने और अंतत: मंजिल प्राप्त करने की कहानी रचने वाली इस महिला का नाम है देवकी देवी। उत्तराञ्चल के धुर पहाड़ी इलाके पिथौरागढ़ की रहने वाली देवकी देवी यूं तो एक आम घरेलू महिला की तरह गांव में पशुपालन आदि कार्यों में रमी रहती थीं। कभी पिथौरागढ़ में इनके परिवार के लोग एक होटल चलाते थे, आजीविका कमाते थे। किन्तु अचानक किसी विवाद के चलते आजीविका का यह साधन परिवार के हाथ से निकल गया। परिवार की विषम आर्थिक परिस्थिति ने देवकी देवी के जीवन को नई दिशा प्रदान की। कहते हैं, यदि सच्ची लगन हो तो सब मुश्किलें आसान हो जाती हैं। और एक दिन देवकी ने बचत के कुछ रुपयों के साथ “नमकीन उद्योग” का अपना स्वरोजगार प्रारम्भ किया। शुरुआत में देश के नामी-गिरामी ब्रांडों के आगे उनके उत्पाद को किसी ने पूछा नहीं, परन्तु देवकी ने हार नहीं मानी और आज परिणाम सामने है।तेजस्विनीकितनी ही तेज समय की आंधी आई, लेकिन न उनका संकल्प डगमगाया, न उनके कदम रुके। आपके आसपास भी ऐसी महिलाएं होंगी, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प, साहस, बुद्धि कौशल तथा प्रतिभा के बल पर समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत किया और लोगों के लिए प्रेरणा बन गईं। क्या आपका परिचय ऐसी किसी महिला से हुआ है? यदि हां, तो उनके और उनके कार्य के बारे में 250 शब्दों में सचित्र जानकारी हमें लिख भेजें। प्रकाशन हेतु चुनी गईं श्रेष्ठ प्रविष्टि पर 500 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।अपनी गुणवत्ता के कारण उनके नमकीन उत्पाद ने अब पिथौरागढ़ के साथ-साथ अल्मोड़ा और रानीखेत सहित आस-पास के जिलों में भी अच्छा बाजार बना लिया है। कुमाऊं नमकीन उद्योग, पिथौरागढ़ के नाम से चल रहे उनके उद्यम ने लगभग आधा दर्जन परिवारों को रोजगार भी दिया है।देवकी देवी के इस प्रयास को देशव्यापी ख्याति उस समय मिली, जब उन्हें फरवरी, 2005 में लघु उद्यमियों को पुरस्कृत करने वाले अन्तरराष्ट्रीय संगठन “सिटी ग्रुप इण्डिया” ने 20,000 लघु उद्यमियों के मध्य आयोजित प्रतियोगिता में उत्तरी भारत के “सर्वोत्कृष्ट लघु उद्यमी” के रूप में चयनित किया। भारत सकार के वित्त मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने उन्हें एक भव्य समारोह में पुरस्कृत किया। इस गौरवपूर्ण सम्मान से अभिभूत देवकी देवी का कहना है, “मैं चाहती हूं कि पहाड़ की महिलाएं स्वावलंबन व स्वरोजगार के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाएं ताकि हमारा भविष्य खुशहाल हो सके।””स्त्री” स्तम्भ के लिए सामग्री, टिप्पणियां इस पते पर भेजें-“स्त्री” स्तम्भ द्वारा,द्वारा,सम्पादक, पाञ्चजन्य,संस्कृति भवन, देशबन्धु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-55नि:संदेह देवकी देवी ने अपने परिश्रम से न केवल पर्वतीय क्षेत्र की वरन् पूरे देश की महिलाओं के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्हें देखकर यही लगता है कि अबला नहीं, सबला और साक्षात् नई सृष्टि की निर्माता है नारी।NEWS
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