पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले

by
May 6, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 May 2005 00:00:00

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहलेवर्ष 9, अंक 46, ज्येष्ठ शुक्ल 3, सं. 2013 वि., 11 जून, 1956, मूल्य 3 आनेसम्पादक : गिरीश चन्द्र मिश्रप्रकाशक – श्री राधेलाल कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, गौतम बुद्ध मार्ग, लखनऊबम्बई व पंजाब की घटनाएं नेहरू सरकार के लिए चुनौतीलाठी-गोली से जनमत नहीं दबेगाबटाला-शिमला काण्डों की निष्पक्ष जांच कराई जाय पुलिस के घेरे में कांग्रेस महासमिति का अधिवेशन: नेहरूजी शिक्षा लेंसारे देश की आंखें आजकल बम्बई और पंजाब की ओर लगी हुई हैं। दोनों ही स्थानों की जनता पर पुलिस की लाठियां बरस रही हैं, निरपराध लोगों को गोलियों का शिकार होना पड़ रहा है। बम्बई में आन्दोलन चल रहा है “बम्बई सहित संयुक्त महाराष्ट्र के लिए और पंजाब में “पंजाब, पेप्सू तथा हिमाचल प्रदेश को मिलाकर महापंजाब निर्माण” के लिए। दोनों ही मांगों के पीछे प्रबल जनमत खड़ा हुआ है। किंतु सरकार- जिसे कांग्रेस ही का दूसरा रूप कहा जाय तो अच्छा रहे-दलगत स्वार्थों के कारण इस जन-मांग की उपेक्षा ही नहीं कर रही, अपितु उसके विरुद्ध निर्णय करने की हठधर्मी भी कर रही है।यह जानते हुए भी कि बम्बई की स्थिति अनुकूल नहीं है, बम्बई में कांग्रेस महासमिति का अधिवेशन किया गया। इतना ही नहीं, संसद के अधिकारों की अवहेलना करते हुए भारत के प्रधानमंत्री तथा कांग्रेस के सर्वेसर्वा पं. नेहरू द्वारा बम्बई के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय भी दे दिया गया कि वह केन्द्र द्वारा ही शासित रहेगा। सम्बन्ध में काका साहिब गाडगिल की टिप्पणी काफी ठीक प्रतीत होती है: “श्री नेहरू का सुझाव समस्या को तय नहीं करता वरन उलझाता और है। यह वक्तव्य संसद की प्रमुखता एवं प्रभुसत्ता को निरर्थक बना देता है।” गृह मंत्री ने कहा था कि संसद ही जो चाहे निर्णय करेगी। किन्तु क्या अब श्री नेहरू की घोषणा के उपरांत भी यही स्थिति है? (सम्पादकीय)शासन द्वारा समाज में धर्म के प्रति भ्रांतियों का निर्माणहिन्दू संस्कृति तथा सभ्यता पर चतुर्दिक आघात श्री गुरुजी द्वारा शारीरिक-शिक्षण-शिविर में भाषण(निज प्रतिनिधि)नागपुर। “हिन्दू समाज की आत्मविस्मृति की अवस्था होने के कारण स्वदेशबांधव ही उसके साथ निस्संकोच खिलवाड़ कर रहे हैं एवं कानून बनाकर उसमें ऐसे परिवर्तन लाने का जबर्दस्ती प्रयत्न कर रहे हैं जो समाज के लिए विनाशकारी हैं।” ये शब्द राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर (श्रीगुरुजी) ने संघ के ग्रीष्मकालीन शिक्षा-शिविर के समारोप-समारोह में भाषण करते हुए कहे।देश पर संकटसंघ नेता ने सचिन्त होकर कहा कि आज अनेक प्रकार की आपत्तियां देश को खोखला कर रही हैं। आज हमारे धर्म, संस्कृति, श्रद्धा, भाषा आदि सब पर अपने ही बांधवों द्वारा आघात हो रहे हैं। शासन की ओर से अज्ञ ग्रामीणों में यह प्रचार किया जा रहा है कि यह हिन्दू समाज तो अधम है। वस्तुत: समाज के सर्वनाश का यह कार्य अन्य किसी भी देश में देखने को न मिलेगा।नेपाल पर विदेशियों की दृष्टिकाठमांडू। जाग्रत नेपाल इधर शक्ति गुटों के भयंकर दांव-पेच का सामना करता दिखाई पड़ रहा है। कुछ क्षेत्रों में नेपाल की आज की अन्तरराष्ट्रीय स्थिति भारत देश के लिए हितकारक एवं लाभप्रद मानी जा रही है, पर अन्यत्र यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि आंग्ल-अमरीकी एवं कम्युनिस्ट गुट के कूटनीतिक दांवपेच में जकड़ जाने के बाद नेपाल अपना राजनीतिक सन्तुलन भी खो सकता है।नेपाल अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति का अखाड़ा बन रहा है, यह हाल के श्री महेन्द्र के राज्याभिषेक काल में मालूम पड़ा। विभिन्न देशों के प्रतिनिधि ऐसी-ऐसी कूटनीतिक चालें चलते देखे गए कि किसी के लिए यह सोचना कठिन हो गया कि नेपाल में ये कूटनीतिज्ञ राजनीतिक शांति रहने देंगे। सबसे बड़ी बात तो यह है कि चीन अमरीका के प्रति अत्यधिक सशंक है और अमरीका कम्युनिस्ट चीन का नाम भी नहीं सुनना चाहता। अब ये दोनों देश नेपाल की सहायता के लिए समान रूप से व्यग्र दिखाई पड़ते हैं, जिसका अनिवार्य परिणाम पारस्परिक प्रतिस्पर्धा (जिसकी अभिव्यक्ति अनेक प्रकार की अशांति, अराजकता आदि में भी हो सकती है) होगी।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान के मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देती भारत की वायु रक्षा प्रणाली, कैसे काम करते हैं एयर डिफेंस सिस्टम?

काशी विश्वनाथ धाम : ‘कोविलूर टू काशी’ शॉर्ट फिल्म रिलीज, 59 सेकेंड के वीडियो में दिखी 250 साल पुरानी परंपरा

उत्तर-दक्षिण भारत के सांस्कृतिक सेतु

पश्चिमी कृपा का आनंद लेने वाला पाकिस्तान बना वैश्विक आतंकवाद का केंद्र : मेलिसा चेन

कुमार विश्वास ने की बलूचिस्तान के आजादी की प्रार्थना, कहा- यही है पाकिस्तान से छुटकारा पाने का सही समय

‘ऑपरेशन सिंदूर’ युद्ध नहीं, भारत की आत्मा का प्रतिकार है : जब राष्ट्र की अस्मिता ही अस्त्र बन जाए!

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देती भारत की वायु रक्षा प्रणाली, कैसे काम करते हैं एयर डिफेंस सिस्टम?

काशी विश्वनाथ धाम : ‘कोविलूर टू काशी’ शॉर्ट फिल्म रिलीज, 59 सेकेंड के वीडियो में दिखी 250 साल पुरानी परंपरा

उत्तर-दक्षिण भारत के सांस्कृतिक सेतु

पश्चिमी कृपा का आनंद लेने वाला पाकिस्तान बना वैश्विक आतंकवाद का केंद्र : मेलिसा चेन

कुमार विश्वास ने की बलूचिस्तान के आजादी की प्रार्थना, कहा- यही है पाकिस्तान से छुटकारा पाने का सही समय

‘ऑपरेशन सिंदूर’ युद्ध नहीं, भारत की आत्मा का प्रतिकार है : जब राष्ट्र की अस्मिता ही अस्त्र बन जाए!

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies