|
प्रह्लाद ब्राह्मचारीप्रकृति भारती ने “प्रकृति राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान-2005” से इस वर्ष गो संवद्र्धन, जैविक कृषि विज्ञान तथा तकनीक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले तीन लोगों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। ये हैं नई दिल्ली आई.आई.टी. में कार्यरत डा. वीरेन्द्र कुमार विजय। डा. वीरेन्द्र बायो गैस के क्षेत्र में शोध कर रहे हैं। दूसरे हैं श्री गोविन्द सेवा न्यास, गोरखपुर के श्री प्रह्लाद ब्राह्मचारी। ये गोबर गैस के अवयवों को अलग कर, उसे सिलेंडर में भरकर उससे वाहन चलाने में सफल हुए हैं। ब्राह्मचारी जी मानना है कि यदि इस प्रयोग की ओर शासन और विज्ञान जगत ध्यान देकर, इसे सस्ता बनाकर आम जनता के लिए सुलभ कर दे, तो भारत की तेल समस्या समाप्त हो सकती है। इससे हमारी खरबों रुपए विदेशी मुद्रा की प्रतिवर्ष बचत होगी। यह प्रयोग पर्यावरण की दृष्टि से भी अत्यन्त सुरक्षित है। पुरस्कार के लिए तीसरा नाम है कानपुर गोशाला सोसायटी के श्री पुरुषोत्तम तोषनीवाल का। इन्होंने गोबर, गोमूत्र तथा पंचगव्य से दैनिक उपयोग के लगभग 50 उत्पादों का निर्माण किया है।NEWS
टिप्पणियाँ