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उड़ीसासमाज से मिलती है प्रेरणाउड़ीसा के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री विश्वरंजन पुरी उड़िया साहित्य की धुरी के रूप में जाने जाते हैं। वह सामन्त चन्द्रशेखर कालेज में राजनीति विज्ञान के व्याख्याता हैं। देश की वर्तमान राजनीति पर जब उनसे पूछा गया कि वह देश के असली नेता किसे मानते हैं? तो उनका कहना था-दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश के भविष्य की चिन्ता करने वाला ही देश का असली नेता हो सकता है। बहरहाल, उसमें समाज के प्रति उदारता का दृष्टिकोण भी होना चाहिए। यह सही है कि नेता को ये प्रेरणाएं जनता से ही मिलती हैं। देश के विकास में सामान्यतया शिक्षित समाज, शिक्षक, लेखक, पत्रकारों व बुद्धिजीवी वर्ग की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब उनसे पूछा गया कि उड़ीसा के विकास में राजनेताओं की भूमिका कितनी सार्थक है तो उन्होंने बताया-यूं तो उड़ीसा के विकास की नींव बीजू पटनायक ने रखी थी, लेकिन उसी परम्परा का निर्वाह वर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी कर रहे हैं। मेरा मानना है कि नवीन पटनायक उड़ीसा के विकास में मील के पत्थर साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रगति के लिए ऐसे नेताओं का उभरकर आना शुभ संकेत है। बीजू पटनायक ने स्वार्थ से ऊपर उठकर देश व राज्य की सेवा की थी। वहीं दूसरी ओर प्रख्यात पत्रकार श्री प्रशान्त पटनायक भी राजनीति को अलग नजरिए से देखते हैं। उनके अनुसार समाज के सभी वर्गों से जुड़ा व्यक्ति ही राजनीति में सफल है। वर्तमान राजनीति को वह बेहूदगी व फूहड़पन कहते हैं। उन्होंने देश के मौजूदा हालात के लिए केन्द्र की संप्रग सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों को असंतोषजनक बताया।बीजू जनता दल के विधायक श्री शरत पाइंकराय ने देश के विकास में जनता की भागीदारी को जरूरी बताया। साथ ही वह यह कहने में भी नहीं चूके कि सरकार को जनता ही चुनकर भेजती है। इसलिए देश की जनता की यह जिम्मेदारी है कि वह उचित समय पर सही व्यक्ति का चुनाव कर, उसे नेतृत्व प्रदान करे। अच्छा नेतृत्व होगा तो समाज का समग्र विकास हो सकेगा। आम जनता से विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है।-भुवनेश्वर से पंचानन अग्रवालNEWS
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