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गुजरात के खेड़ा जिले के हरियाला गांव में स्वामीनारायण सम्प्रदाय के संत अक्षर जीवन दास जी ने सन् 1990 में एक विद्यालय शुरू किया था। लेकिन यह विद्यालय अन्य विद्यालयों से अलग हटकर था। इस विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई में कमजोर और उग्र स्वभाव वाले बच्चों को सहर्ष भर्ती किया जाता था। कक्षा 6 से प्रारंभ हुए इस विद्यालय के माहौल और संस्कारों में कुछ ऐसी अद्भुत बात थी कि ये बालक अच्छे नंबरों से पास होते गए और उग्रता भी नम्रता में बदलती गई। 15 साल हो गए, और अब तो इस विद्यालय में 8वीं, 9वीं और 10वीं की कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। इस विद्यालय के प्राचार्य किशोर भाई मजीठिया कहते हैं- “यहां 24 घंटे की ऐसी कसी हुई अनुशासनबद्ध समय सारणी है कि बालकों को यहां-वहां की फालतू बातों के लिए फुर्सत ही नहीं रहती।” और छात्रों के परीक्षा परिणाम? यहां सफल विद्यार्थियों की संख्या किसी भी अन्य विद्यालय की तुलना में ज्यादा ही रहती है।NEWS
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