|
आरोपों से बच नहीं सकती कांग्रेसअरुण जेटलीमहासचिव एवं प्रवक्ता, भाजपाभारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी के.जी.बी. द्वारा कांग्रेस तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को नियमित रूप से पैसा दिए जाने की खबरों पर गंभीर चिंता जाहिर की और कहा कि यह देश के लिए अत्यंत गंभीर मामला है। गत 19 सितम्बर को एक पत्रकार वार्ता में भाजपा के महासचिव एवं प्रवक्ता श्री अरुण जेटली ने कहा कि इस सनसनीखेज रहस्योद्घाटन से पता चलता है कि सोवियत खुफिया तंत्र देश की राजनीतिक व्यवस्था में गहरे तक पहुंच बनाए हुए था। इसलिए इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए। इस बात के समाचार निरन्तर आते रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी, इसके मंत्रियों और भाकपा को रूबल (सोवियत मुद्रा) मिलते रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक के प्रारंभ में अनेक मीडिया व प्रकाशन समूह चर्चा में आए थे जो संवेदनशील व विवादित मुद्दों पर कांग्रेस तथा भाकपा की नीतियों का समर्थन करते थे। मित्रोखिन के दस्तावेजों से यह भी स्पष्ट है कि न केवल आपातकाल के दौरान बल्कि 1977 के बाद भी कांग्रेस को आर्थिक सहायता पहुंचाई जाती रही ताकि वह पुन: खड़ी हो सके। यह राशि उन बड़े औद्योगिक घरानों के माध्यम से पहुंचाई जाती थी जो विशेषकर सोवियत संघ के साथ आयात-निर्यात का व्यापार करते थे। श्री जेटली ने पूछा कि इस गंभीर मामले को क्या केवल यह बहाना बनाकर खारिज कर देना भर पर्याप्त होगा कि यह बहुत पुरानी बात है और इससे जुड़े अधिकांश लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं?कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी की प्रतिक्रियाओं को खारिज करते हुए श्री अरुण जेटली ने कहा कि इस तरह के गंभीर आरोपों की अनदेखी नहीं की जा सकती। देशवासियों को पूरी सचाई जानने का अधिकार है। उन्होंने मांग की कि सरकार अविलम्ब पूरे मामले की जांच कराए और सचाई जनता के सामने रखे। श्री जेटली ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी देश की रक्षा और प्रतिरक्षा के मामले में लगातार आरोपों और विवादों से घिरी रहती है। यह देश इस बात को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता कि कांग्रेस के सर्वोच्च राजनेता अपनी पार्टी के लिए चंदा उगाहने के लिए विदेशी एंजेटों की तरह काम करें और अति महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेजों को बेचें। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार का मुख्य घटक होने के कारण यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करे।7
टिप्पणियाँ