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मेनका गांधी, सांसद,लोकसभाअपने से ही शुरुआत करें,मांसाहार कम हो जाएगाक्या मांसाहार रोका जा सकता है?दिलराज सिंह गुलफामनदीपार, कटनी, मध्य प्रदेशहम यह तो नहीं कह सकते कि मांसाहार रोका जा सकता है, परन्तु स्वयं को तथा अपने सभी संबंधियों को मांस का सेवन करने से रोक कर अपना उदाहरण प्रस्तुत करने से बेहतर कुछ भी नहीं होता। एक ऐसी संस्था बनाएं जो बैंकों तथा ऋण देने वाली संस्थाओं से बात कर उन्हें इस बात के लिए राजी करे कि मुर्गी-पालन, सूअर पालन, तथा बकरी प्रजनन के लिए ऋण न दें। इनका प्रयोग मांसाहार के लिए किया जाता है।आक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग बंद करायें, क्योंकि इसका प्रयोग करने के कारण ही बछड़ों की उपयोगिता समाप्त कर उन्हें कत्लगाह भेज दिया जाता है। आक्सीटोसिन एक प्राकृतिक हारमोन है जो हर मां (मानव या पशु) के भीतर होता है। जब बच्चे को भूख लगती है तो यह हारमोन स्वत: सक्रिय हो जाता है और दूध बनने लगता है। गाय चूंकि बछड़े को देखकर दूध देती है, लेकिन कई गोपालक बछड़े द्वारा पिया जाने वाला गाय का दूध बचाने के लालच में बछड़े को कत्लगाह भेज देते हैं और नकली आक्सीटोसिन का इंजेक्शन गाय को लगाते हैं, यह बहुत पीड़ादायी होता है।मांस की दुकानों से संबंधित कानूनों की जानकारी रखें और यह भी देखें कि सभी अवैध दुकानें नगर-निगम कानूनों के अंतर्गत बंद की जाएं। इससे मांस की कीमत बहुत बढ़ जाएगी।साथ ही, एक समूह बनाएं और नजर रखें कि पशुओं के परिवहन के कानूनों का पालन किया जाए। कोई भी ट्रक एक बार में 40 बकरियों से अधिक नहीं ले जा सकता और उन्हें ले जाने से पूर्व पशु कल्याण बोर्ड की अनुमति लेनी होती है। एक बार में केवल 4 गाय अथवा भैंस ही ले जाई जा सकती हैं। यदि इन चालकों को रोक कर दंड लगाया जाए तो ट्रक चालक धीरे-धीरे पशुओं को ले जाना रोक देंगे। आप अपने जिले के सभी ट्रक चालकों को इस बाबत आगाह कर सकते हैं। मांस के लिए पशु हत्या किस प्रकार की जाती है इस पर छोटी-छोटी फिल्में बनाइए और उन्हें विद्यालयों में दिखाने की अनुमति मांगिए। मैंने स्वयं ऐसा किया है, इसका प्रभाव यह हुआ कि हजारों लोग शाकाहारी बन गए हैं। आप स्थानीय सिनेमा थियेटर में स्लाइड शो भी दिखा सकते हैं।यदि आप किसी गांव में हैं तो सरपंच को एक बैठक बुलाने के लिए कहिए और उसमें यह बताइए कि मांस के लिए प्रयोग किए जाने वाले पशुओं को सार्वजनिक भूमि अथवा जंगल में चराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अलवर में 500 गांवों में ऐसा किया गया। इसके लिए किसी दल की आवश्यकता नहीं है। 10 दृढ़ व्यक्तियों का एक समूह किसी जिले में बदलाव ला सकता है। जैसे ही आप सफल होंगे, अधिक लोग आपके साथ जुड़ेंगे। आप एक गांव से प्रारम्भ कर सकते हैं और फिर इसका विस्तार आगे कर सकते हैं। इस लड़ाई को जीता जा सकता है।क्या गोमूत्र प्रतिदिन पीना जरूरी है? यदि हां, तो कितनी मात्रा में एवं किस प्रजाति की गाय का, देशी अथवा विदेशी? गोमूत्र पीने के क्या लाभ हैं?मोहन गनेरीवालाटाटानगर, झारखण्डगोमूत्र मुख्यत: एन्टीसेप्टिक तथा कीटाणुनाशक है। इसको पीना आवश्यक नहीं है। वस्तुत: इसे फसलों पर रासायनिक कीटाणुनाशक के बदले प्रयोग करना बेहतर है।जानवरों पर अत्याचार करने वालों के लिए क्या भारतीय कानून के अन्तर्गत दण्ड का प्रावधान है? क्या कोई साधारण व्यक्ति कानून की मदद से कार्यवाही कर सकता है?शम्भूदयाल तिवारीग्राम व पो. बलेहा,जिला सागर, मध्य प्रदेशजीवों पर क्रूरता निवारण हेतु नियम 1960 की धारा 11 के अन्तर्गत किसी जानवर को मारना, पीटना तथा उस पर अत्याचार करना अवैध है। अगर कोई व्यक्ति किसी जानवर को चोट पहुंचाता है तो उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 428/429 के अन्तर्गत दण्ड दिया जा सकता है। इसमें 5 वर्ष की जेल एवं जुर्माने की सजा है। अगर किसी वन्य जीव को मारा गया या चोट पहुंचाई गयी हो या उसे पकड़ कर रखा गया हो तो यह वन्य संरक्षण के नियम 1972 के अन्तर्गत अपराध है और इसकी सजा है 7 वर्ष की जेल और 25 हजार रुपए जुर्माना। साधारण जन इस तरह के किसी भी अपराध के खिलाफ नजदीक के पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी/ एफ.आई.आर. दर्ज करा सकता है। अपराधी को कोई भी नागरिक पकड़वा सकता है।——————————————————————————–श्रीमती मेनका गांधी”सरोकार” स्तम्भद्वारा, सम्पादक, पाञ्चजन्यसंस्कृति भवन,देशबन्धु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला,नई दिल्ली-110055इस स्तम्भ में हर पखवाड़े प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और शाकाहार कीे समर्पित प्रसारक श्रीमती मेनका गांधी शाकाहार, पशु-पक्षी प्रेम तथा प्रकृति से सम्बंधित पाठकों के प्रश्नों का उत्तर देती हैं। अपना प्रश्न भेजते समय कृपया निम्नलिखित चौखाने का प्रयोग करें।28
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