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आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा का सत्याग्रहडा. मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू आदि ने भी दी गिरफ्तारीसच की डगर-बंगलौर से दु.गु. लक्ष्मणलोकसभा में विपक्ष के नेता और निवर्तमान उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने गत 1 सितम्बर को बंगलौर में सात दिवसीय राष्ट्र स्वाभिमान सत्याग्रह का सूत्रपात किया। जिस समय श्री आडवाणी ने सुश्री उमा भारती के विरुद्ध सभी मामलों को वापस लेने की मांग पर तिरंगा फहराते हुए गिरफ्तारी दी, उस समय वहां बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।सत्याग्रह के उद्घाटनस्वरूप श्री आडवाणी ने तिरंगा फहराया। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अनंत कुमार, भाजपा उपाध्यक्ष श्री मुख्तार अब्बास नकवी और कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता येडुयुरप्पा उपस्थित थे। सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुए श्री आडवाणी ने कहा कि राज्य सरकार ने “दिल्ली के इशारे पर सुश्री भारती के विरुद्ध पुराने मामले फिर से खोले हैं।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री धरम सिंह के बार-बार बदलते बयानों से लोग स्तब्ध हैं।” श्री आडवाणी ने उन दिनों की चर्चा की जब इसी बंगलौर शहर में उन्हें आपातकाल के दिनों में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ गिरफ्तार किया गया था। बाद में पुलिस अधिकारियों ने श्री आडवाणी का अभिवादन किया और “हम आपको गिरफ्तार करते हैं” कहते हुए उन्हें हिरासत में लेकर सदाशिव नगर पुलिस थाने ले गए और रिहा कर दिया। सत्याग्रह करने वालों में स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा सांसद, विधायक तथा गुजरात, मध्य प्रदेश व चंडीगढ़ के पार्टी पदाधिकारी भी थे।बाद में पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा अध्यक्ष श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सुश्री भारती के विरुद्ध मुकदमा वापस लिए जाने के लिए बाद भी यह अभियान एक अलग स्वरूप में जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि सुश्री भारती की रिहाई, अंदमान जेल में सावरकर पट्टिका की पुन:स्थापना और मंत्रिमंडल से दागी मंत्रियों को हटाने जैसे मुद्दे जन-जन के मुद्दे हैं।अगले दिन बृहस्पतिवार को कार्यक्रमानुसार वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी ने भी गिरफ्तारी दी। निवर्तमान प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी द्वारा 8 सितम्बर को यहां एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने का कार्यक्रम भी तय है।उधर हुबली में प्रथम श्रेणी न्यायायिक दण्डाधिकारी की अदालत ने बुधवार 1 सितम्बर को सुनाया जाने वाला सुश्री उमा भारती के विरुद्ध मुकदमे वापस लेने संबंधी अपना फैसला शनिवार 4 सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पूर्व सरकारी वकील ने अदालत के सामने लिखित टिप्पणियां दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। लेकिन न्यायिक दण्डाधिकारी मोहम्मद इस्माइल द्वारा उसकी यह मांग खारिज कर दी गई थी। तब सरकारी पक्ष ने जिला व सत्र न्यायालय में न्यायिक दण्डाधिकारी के इस आदेश को चुनौती देने का निर्णय लिया।बुधवार को जब इस मामले को लटकाए रखने की चाल चलते हुए सरकारी पक्ष ने एक सप्ताह का समय मांगा तो अंतत: दण्डाधिकारी श्री इस्माइल को सुश्री उमा भारती मामले में अपना अंतिम फैसला स्थगित कर देने को बाध्य होना पड़ा। सरकारी पक्ष की ओर से यह पैंतरा बुधवार को अंतिम फैसला सुनाए जाने से ठीक एक घंटा पहले अपनाया गया था।भाजपा ने सरकारी पक्ष की इस बेढब कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। धारवाड़ उत्तर से भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी और विधानसभा में पूर्व विपक्षी नेता जगदीश शेट्टार ने कहा कि सरकारी वकील नागेन्द्रप्पा की पैंतरेबाजी सिद्ध करती है कि राज्य सरकार सुश्री भारती के विरुद्ध मामले वापस लेने के अपने ही फैसले से पलट रही है। उन्होंने कहा, “उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद जिस तरह का ओछापन राज्य सरकार दर्शा रही है, वह उसका दोगलापन ही है।”पूरा प्रकरण साफ-साफ यह जताता है कि राज्य सरकार जान-बूझकर दुर्भावनावश मामले को लंबा खींच रही है ताकि वह पूरे मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर उससे अपना स्वार्थ पूरा कर ले। यह कहना है भाजपा के वकील श्री दोराईस्वामी का। 4 सितम्बर को भी दण्डाधिकारी श्री इस्माइल अपना फैसला सुना पाएंगे, इसमें संदेह है। कारण, उस दिन भी सरकारी वकील किसी न किसी बहाने निर्णय में देरी करवा सकते हैं। साफ है कि राज्य सरकार सरकारी वकील के जरिए अदालत पर दबाव बना रही है।इस बीच धरम सिंह सरकार मीडिया को अपने पाले में करने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। उसने समाचार पत्रों में उमा भारती मामले पर बड़े-बड़े विज्ञापन जारी किए हैं, जो झूठ के पुलिंदों से बढ़कर कुछ नहीं हैं।13
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