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बखिरा एवं बारीपदा में दुर्गाप्रतिमा विसर्जन के दौरानहिंसाबखिरा में दुर्गा पूजा का एक दृश्यगोरखपुर में चार लोग पुलिस गोलीबारी में मरे।गत 24 अक्तूबर को गोरखपुर (उ.प्र.) परिक्षेत्र के बखिरा में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान कट्टरपंथी मुस्लिम तत्वों द्वारा मार्ग अवरुद्ध कर दिए जाने से विवाद हो गया। हिंसा पर उतारू भीड़ पर पुलिस द्वारा गोलीबारी से चार लोगों की मृत्यु हो गई। इसके बावजूद पुलिस ने बेवजह हिन्दू संगठनों के 20 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के इस पक्षपातपूर्ण रवैये से स्थानीय हिन्दू समाज उद्वेलित हो गया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस के विरुद्ध जुलूस निकाला। उन पर लाठीचार्ज से गुस्साई भीड़ ने थाने में आग लगा दी। बाद में प्रशासन द्वारा कस्बे में कफ्र्यू लगा दिया गया और थानाध्यक्ष को निलम्बित कर दिया गया। पिछले दिनों इसी प्रकार पड़रौना में हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद तनावपूर्ण माहौल था। बखिरा में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी के विरोध में कई स्थानों पर चक्का जाम किया गया तथा कई स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं विसर्जित नहीं की जा सकीं।उधर 21 अक्तूबर को उड़ीसा के बारीपदा जिले के शुलिआपदा बाजार में दुर्गाष्टमी के अवसर पर पूजा-अर्चना हो रही थी। लोग भक्तिभाव में डूबे थे। तभी पांच ईसाई युवक एक पूजा पांडाल के पास आए। वे लोग ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउड स्पीकर) पर जोर-जोर से देवी-देवीताओं को गाली देने लगे, लोगों को पूजा करने से मना करने लगे। उनके इस दु:साहस से लोग सन्न रह गए। कुछ हिन्दू युवकों ने जब उन्हें ऐसा करने से मना किया तो उनके साथ उन्होंने मार-पीट की। एक हिन्दू युवक ने थाने में प्रथम सूचना रपट दर्ज करवाई। इसके बाद उन पांचों ईसाई युवकों को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 295 (ए), 298, 294 और 506 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायालय ने भी इन युवकों की जमानत नामंजूर कर दी है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से इन ईसाई युवकों ने उग्र रूप धारण किया था, यदि हिन्दू भी उत्तेजित हो जाते तो एक बड़ी घटना हो सकती थी।-गोरखपुर से बलवीर और भुवनेश्वर से पंचानन अग्रवाल33
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