कही अनकही
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कही अनकही

by
May 12, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 May 2004 00:00:00

दीनानाथ मिश्रखामोश कातिल”एक रुपए में 40 किलो चावल” की बात मुझे मेरे दादा ने बताई थी। लेकिन उन्होंने मुझसे यह बात तब कही थी, जब पहला विश्व युद्ध हो चुका था और दूसरा होने ही वाला था। वह अपने दौर की महंगाई की चर्चा कर रहे थे। तब तक दूसरा विश्व युद्ध भी गुजर चुका था और नए चावल आठ आने सेर बिकने लग गया था। तब नए पैसे और किलो में बात नहीं होती थी। मगर स्वयं मैंने इस भाव से चावल खरीदा है। और आज बासमती चावल 40 रुपए किलो पर पहुंच गया है। अन्य किस्म के चावल कुछ सस्ते भी हैं। अभी तक पिछली शताब्दी की बात की थी। अब पिछले दस वर्षों की बात कर रहे हैं। इस दौर में 1993-94 को आधार वर्ष मानते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो अगर 1993-94 में एक रुपए में सौ नए पैसे की चीज खरीद सकते थे तो अब 2004 में अर्थात् दस साल बाद एक रुपए में 52 नए पैसे की चीज खरीद सकते हैं। अर्थात रुपए की क्रय शक्ति घटकर करीब-करीब आधी रह गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप 1993 में अवकाश प्राप्त कर चुके थे और आपको सात हजार रु. प्रतिमास की पेंशन मिलती थी, तो आज दस साल बाद वह घटकर साढ़े तीन हजार हो गई है। भले ही आपके हाथ में सात हजार रुपए के नोट होंगे, लेकिन जब आप उन्हें खर्च करेंगे तो साढ़े तीन हजार रुपए जितनी चीज खरीदेंगे।महंगाई होती ही ऐसी है। खामोश कातिल की तरह। पिछले साल इसी मौसम में जितनी सब्जियां आप तीस रुपए में खरीदते थे, उतनी सब्जियों को खरीदने में चालीस रुपए लगते हैं। अरहर की जो दाल 38 रुपए में बिकती थी, आज वह 42 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गई है। पिछले साल घर से दफ्तर व दफ्तर से घर आने-जाने में अगर सोलह रुपए लगते थे तो आज चौबीस रुपए लगते हैं। डीजल फिर महंगा हुआ है। उसकी मार आनी बाकी है। महीने, दो महीने में ही घर से दफ्तर व दफ्तर से घर के बीच आपकी तीस रुपए की जेब कट सकती है। पिछले छह सालों तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार थी। महंगाई की प्रतिशत बढ़ोत्तरी (मुद्रा स्फीति) चार प्रतिशत के इर्द-गिर्द रही थी। फिर हुआ “कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ।” छह महीने में महंगाई की रफ्तार दोगुनी हो गई। गत 30 अगस्त को यह दर 8.2 प्रतिशत थी।अगर डा. मनमोहन सिंह की आर्थिक पंडिताई और वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम की हाथ की सफाई इसी तरह चलती रही तो अगले बजट के साथ एक साल की महंगाई की बढ़ोत्तरी दस प्रतिशत हो जाए तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा। क्योंकि मैं राज्यों और केन्द्र के घाटे की अर्थव्यवस्था को देख रहा हूं। ब्याज दरों के साथ खिलवाड़ देख रहा हूं। कभी नाक सीधे पकड़ी जाती है तो कभी हाथ घुमाकर। धनी किसानों को भी मुफ्त बिजली देकर चुनाव जीतने वाली पंजाब सरकार ने तब तौबा की जब घाटा बेतहाशा बढ़ गया। यही महाराष्ट्र में होगा। जिन्हें चार-पांच हजार रुपए में घर चलाना पड़ता है, उनकी तो तीन चौथाई से ज्यादा आमदनी खाने-पीने की चीजों पर ही खर्च होती है।सवाल खड़ा होता है कि मंहगाई के कारण कटौती करें तो कहां करें? बच्चे के दूध में? हफ्ते में एक-दो बार आने वाले गरम मसाले की पुड़िया की विलासिता में या हफ्ते की बजाए दो हफ्ते तक बिना धोए कपड़े से काम चलाकर? लोगों की हालत “भूल गए राग रंग, भूल गए छकड़ी, तीन चीज याद रही, नून, तेल, लकड़ी” वाली होती है। खामोश कातिल एक तरफ से ही वार नहीं करता। अब देखिए ब्याज दर महंगी हो गई। मकान बनाने के लिए सस्ते ब्याज का प्रोत्साहन था, वह जाता रहा। लोहा महंगा हो गया। सीमेंट की तो और भी लम्बी छलांग है। बड़े निर्माण के कदम ठिठक गए। रोजगार घटने लगा। देख लिया आपने, “कांग्रेस का हाथ, खामोश कातिल के साथ”।इधर के दौर में कम से कम महीने में एक दिन तो मेरे घर गृह युद्ध होता ही है। मैं हर महीने की पहली तारीख को घरेलू सामान के लिए “गृहमंत्री” को दस हजार रुपए देता हूं। जून में जब ऐसा हुआ तो “गृहमंत्री” ने दस हजार की गड्डी उठाकर पटक दी। “आपको मालूम भी है तेल, घी,दाल, सब्जी वगैरह के भाव? खुद खरीद कर लाओ। मुझसे दस हजार रुपए में नहीं चलेगा।” मैं देवी जी के तेवर देखकर डर गया। उनकी मांग स्वीकार करते हुए सौदेबाजी चालू की। अन्त में बारह हजार पर बात तय हुई। अक्तूबर में फिर गृह युद्ध हुआ। हमारी गृहलक्ष्मी झांसी की लक्ष्मीबाई बनकर तन गर्इं। समझौता चौदह हजार में हुआ। हमारे ड्राइवर साहब जब पेट्रोल पम्प की तरफ मुड़ते थे, तब मैं जेब में पांच-पांच सौ के दो नोट निकालता था और टंकी भर जाती थी। और अब, जब पेट्रोल पम्प को देखता हूं तो आतंकित होकर पहले से ही तीन नोट निकाल लेता हूं। उसमें से कुछ बच जाएं तो भला, और न बचें तो भला। इधर कमर में बड़ा दर्द रहता है। मैं डाक्टर साहब को दिखलाने गया। उन्होंने देखा और फिर कहा, “आजकल कमर दर्द की यह बीमारी आम है, क्योंकि जबसे कांग्रेस आई है, कमरतोड़ महंगाई है।”28

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies