पुस्तक -चर्चा
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पुस्तक -चर्चा

by
May 12, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 May 2004 00:00:00

कन्या भ्रूण हत्या-दोषी कौन?पुस्तक-परिचयपुस्तक का नाम : अजन्मा अभिशापलेखक : मुनि लोक प्रकाश “लोकेश”सम्पादक : मुनि कुमुद कुमारप्रकाशक : आदर्श साहित्य संघ,210, दीनदयाल उपाध्याय मार्गनई दिल्ली-110002पृष्ठ : 156मूल्य : 50 रुपएसाहित्यकार जब संत हो तो उसका लोक कल्याणकारी भाव अधिक प्रगाढ़ होता है। सुविख्यात मुनि श्री लोकप्रकाश “लोकेश” आधुनिक युग के ऐसे ही साहित्यकार हैं। उनकी सद्य: प्रकाशित कृति “अजन्मा अभिशाप” एक ज्वलन्त समस्या-भ्रूण हत्या को केन्द्र में रखकर लिखा गया एक बोधपरक उपन्यास है। जिस प्रकार कन्या भ्रूण हत्या का जघन्य अपराध हो रहा है, उससे लेखक का चिन्तित होना स्वाभाविक है।भ्रूण हत्या जैसे जघन्य कृत्य से समाज को सावधान करने हेतु “अजन्मा अभिशाप” को सार्थक प्रयास माना जा सकता है। उपन्यासकार के शब्दों में यह एक उपन्यास ही नहीं अपितु मानवता की रक्षा का आह्वान भी है। प्रस्तुत उपन्यास में लेखक ने सेठ मान सिंह प्रधान के परिवार को केन्द्र में रखकर उपन्यास का कथानक रचा है। सेठजी की पुत्रवधू विशाखा अपनी बुआ और प्रभा आंटी की प्रेरणा से अपनी कोख उजाड़ लेती है अर्थात भ्रूण हत्या करा लेती है। यह रहस्य बहुत दिन बाद अनावृत होता है। जब विशाखा की जेठानी संजना को तृतीय संतान के रूप में लड़की पैदा होती है तो प्रभा आंटी के मुख से अकस्मात् निकलता है कि विशाखा ने मेरी बात मान ली और वह सुखी है, तुमने मेरी बात नहीं मानी तो ये तीसरी लड़की पैदा हुई। सभ्य परिवार में किसी बहू ने भ्रूण हत्या कराई हो तो उसकी प्रतिक्रिया होनी ही थी। और यदि इस अपराध की प्रेरणास्रोत तथाकथित समाज सेविका, भ्रूण हत्या निरोधक संस्था की अध्यक्षा और पार्षद अर्थात प्रभा आंटी हों तो किसी साधारण प्रतिक्रिया से लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता। अत: लेखक को प्रभा आंटी की करतूतों को बेनकाब करने के लिए जतिन जैसे सुप्रसिद्ध पत्रकार की सर्जना करनी पड़ी। लेखक ने बड़ी ही कुशलता से इस तथ्य तो प्रतिपादित किया है कि यदि रक्षक ही भक्षक हो जाएं तो समाज एवं राष्ट्र की दुर्दशा अवश्यम्भावी है। प्रभा आंटी के माध्यम से लेखक ने राजनीतिज्ञों को सावधान किया है और उन्हें अपने कर्तव्य का अहसास कराया है। इसी चरित्र के माध्यम से लेखक ने यह भी संदेश दिया है कि आखिर नारी ही नारी जाति के अस्तित्व को मिटाने के लिए तत्पर क्यों है? कहीं ननद के रूप में, कहीं सास के रूप में और कहीं किसी संस्था की प्रधान के रूप में नारी ही नारी का शोषण कर रही है। इसी तथ्य को अखिल के मुख से लेखक इस प्रकार प्रस्तुत करता है- “हमारे समाज में नारी शोषण के लिए पुरुष वर्ग से ज्यादा नारी जाति ही दोषी है।”लेखक ने उपन्यास का रोचक एवं शिक्षाप्रद अन्त किया है। अतत: अश्रुपूरित नेत्रों से विशाखा कहती है- “बुआजी, हम सभी को माफी उस आत्मा से मांगनी होगी। वह अपराध हमने प्रकृति के प्रति किया है। जीवन देने और लेने का अधिकार हमारा नहीं है। अंधी तो मैं भी हो गई थी और यह पाप मैं अब तक छिपाये रही। मेरी आत्मा कई बार कचोटती है मुझे।”मुनिश्री लोकप्रकाश “लोकेश” के “अजन्मा अभिशाप” उपन्यास का यही दर्द है और यही संदेश भी। आवरण पृष्ठ आकर्षक, नयनाभिराम और शीर्षक को सार्थकता प्रदान करता है। कुल मिलाकर यह उपन्यास पठनीय और संग्रहणीय तो है ही, मार्गदर्शक भी है।-डा. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी23

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies