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दिल्ली
सुभद्रा नम्बूदिरी स्मृति व्याख्यानमाला
मस्तिष्क आघात का संभव है इलाज
कार्यक्रम में मंचस्थ हैं – श्री मुख्तार अब्बास नकवी डा. पुष्पेन्द्र रंजन, डा. हर्ष रस्तोगी व डा. एस.के. वांग्नू
मस्तिष्क आघात अब असाध्य बीमारी नहीं रही। इसका इलाज शल्य चिकित्सा के बिना भी विकिरण चिकित्सा तकनीक द्वारा सरलतापूर्वक किया जा सकता है। इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के विकिरण चिकित्सा विशेषज्ञ डा. हरीश रस्तोगी ने सुभद्रा नम्बूदिरी स्मृति व्याख्यानमाला में यह जानकारी दी।
गत 14 जून को नई दिल्ली में इस व्याख्यानमाला का आयोजन सुभद्रा नम्बूदिरी फाउंडेशन द्वारा किया गया था। फाउंडेशन की स्थापना दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार श्री के.जी. सुरेश ने अपनी माता जी श्रीमती सुभद्रा नम्बूदिरी की याद में की है। श्रीमती नम्बूदिरी का तीन वर्ष पूर्व मस्तिष्क आघात के कारण असमय निधन हो गया था। इस फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य मस्तिष्क आघात जैसी घातक बीमारी के बारे में जनचेतना जागृत करना है। व्याख्यानमाला में अपने विचार रखते हुए डा. एस. के वांग्नू ने बताया कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, रक्त में कोलस्ट्राल की अधिक मात्रा व मोटापे के कारण मस्तिष्क आघात का खतरा बढ़ जाता है। नियमित व्यायाम और आहार नियंत्रण से इस रोग को कम किया जा सकता है। डा. पुष्पेन्द्र रंजन ने कहा कि मस्तिष्क आघात के बारे में पर्याप्त जानकारी न होने के कारण लोग इसके प्रति उतने सचेत नहीं रहते। उन्होंने बताया कि 1998 में भारत में प्रति एक लाख लोगो में से 268 इसके शिकार हुए और इसका खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हालांकि सही समय पर इलाज मिलने से 85 प्रतिशत रोगियों को बचाया जा सकता है। कार्यक्रम में भाजपा उपाध्यक्ष श्री मुख्तार अब्बास नकवी सहित राजधानी के अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे। प्रतिनिधि
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