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बिहार में बाढ़ का प्रकोप
राहत में हाथ बंटाएं
उत्तर बिहार में गंडक, बूढ़ी गंडक, ललबगिया, सिकरहना, खेरई, कमला-बलान, भूतही, बागमती, करेह, कोशी, परवान, महानंदा आदि नदियों में भयंकर बाढ़ की स्थिति है। इस कारण पश्चिमी चम्पारण (बेतिया), पूर्वी चम्पारण (मोतीहारी), शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार तथा भागलपुर जिलों के 167 प्रखण्डों की 1386 पंचायतें पूर्णतया जलमग्न एवं 470 पंचायतें आंशिक रूप से जलमग्न हैं। लगभग 6000 गांवों की डेढ़ से पौने दो करोड़ आबादी पूर्णतया तबाह हो चुकी है। इस 750न्250 कि.मी. विस्तृत क्षेत्र के सभी सड़क मार्गों पर 3 से 5 फुट पानी बह रहा है। यहां के सभी रेल खण्डों की पटरियां कई स्थानों पर बह चुकी हैं। 7 जुलाई से अब तक शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल एवं सहरसा जिला केन्द्रों से दूरसंचार सम्पर्क टूट चुका है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की पूरी जानकारी अभी नहीं है, परन्तु जिला केन्द्रों एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में लगभग 2 हजार से अधिक लोग निर्बाध जलराशि की भेंट चढ़ चुके हैं। दर्जनों गांव नदी के गर्भ में सदा के लिए समाहित हो गये। 76 स्थानों पर बूढ़ी गंडक, कमला-बलान, सिकरहना, करेह, खेरई, कोशी एवं महानंदा के तटबंध तथा नजदीक के सड़क एवं रेलमार्ग टूट चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि मधुबनी, दरभंगा, बेनीपुर, पुनदह, फूलवरिया (ढाका), मोतीहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, दामोदरपुर, रोसड़ा, खगड़िया, सहरसा, वीरपुर, जोगबनी, फारबिसगंज एवं कटिहार में 47 स्थानों पर रा.स्व.संघ के स्वयंसेवक राहत कार्यों में जुटे हैं। उत्तर बिहार में आई इस भयानक बाढ़ की त्रासदी में असंख्य लोग आज जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। इस प्राकृतिक आपदा की विनाशलीला को इसी से समझा जा सकता है कि हजारों लोगों के साथ हजारों-हजार जानवर जल प्रवाह में बह गये। उपरोक्त कारुणिक स्थिति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा बाढ़ पीड़ित सहायता समिति (उत्तर बिहार) का गठन किया गया है। इस विपदा से त्रस्त बन्धुओं को राहत पहुंचाने हेतु सभी का सहयोग अपेक्षित है।
संपर्क इस पते पर किया जा सकता है-
बाढ़ पीड़ित सहायता समिति, उत्तर बिहार
मधुकर निकेतन, कलमबाग चौक
मुजफ्फरपुर-842002
दूरभाष: 0621-2243344, 2242235
पुनश्च: कृपया अपना सहयोग चेक/ ड्राफ्ट के रूप में “संस्कृति उत्थान समिति”, मुजफ्फरपुर के नाम से भेजें।
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