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हमारे देश में कई ऐसे सुदूर क्षेत्र आज भी हैं, जहां बिजली नहीं है। जहां है भी वहां 24 घंटे में मात्र 4-5 घंटे ही रहती है। इस हालत में इन क्षेत्रों के किसान डीजल चालित सिंचाई पम्प का इस्तेमाल करते हैं। पर डीजल की दिनोंदिन बढ़ती कीमतें किसानों के लिए खासी परेशानी का कारण हैं। और फिर हजारों किसान ऐसे भी हैं, जो डीजल नहीं खरीद पाते और उनकी फसल सिंचाई के अभाव में नष्ट हो जाती है। ऐसे किसानों को इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए युवा अभियन्ता श्री विनोद पाराशर ने लगभग दो वर्ष पहले एक संकल्प लिया था। इसी संकल्प के फलस्वरूप उन्होंने पिछले दिनों बैलचालित सिंचाई पम्प का आविष्कार किया है। एक जोड़ी बैल की सहायता से इस पम्प से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी जमीन से खींचा जा सकता है। पम्प की लागत 10 से 15 हजार रुपए के बीच है। पम्प की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका निर्माण गांवों में उपलब्ध संसाधनों से ही किया गया है। बैलगाड़ी के पहिए बनाने वाले कारीगर भी प्रशिक्षण के उपरान्त गांव में ही इस पम्प को बना सकते हैं। श्री पाराशर कहते हैं, इस पम्प से ग्रामीण क्षेत्रों में एक क्रांति आएगी। जहां एक ओर इससे फसलों की सिंचाई में सुविधा होगी, वहीं दूसरी ओर रोजगार का भी सृजन होगा।सम्पर्क -श्री विनोद पाराशरग्रा.- मेलकलमा, तहसील-सांवेर,जिला-इन्दौर (म.प्र.)दअजय वैशंपायन12
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