अयोध्या-मन्दिर निर्माण की दिशा में बढ़े कदम-सफल संघर्ष
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अयोध्या-मन्दिर निर्माण की दिशा में बढ़े कदम-सफल संघर्ष

by
Feb 11, 2003, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 Feb 2003 00:00:00

भले ही न्यास का अध्यक्ष पद छोड़ दूं, परवि·श्व हिन्दू परिषद् का साथ नहीं छोडूंगा-महंत नृत्यगोपाल दास, अध्यक्ष, श्रीराम जन्मभूमि न्यासमहंत रामचन्द्रदास परमहंस के परलोकगमन के बाद नियुक्त हुए श्रीराम जन्मभूमि न्यास के नए अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास 17 अक्तूबर को अपनी मणिराम दास छावनी में ही थे। परमहंस के समान उन्होंने मोर्चे पर आकर संघर्ष का नेतृत्व नहीं किया। हां, 18 अक्तूबर को हुई संकल्प सभा में वे जरूर सम्मिलित हुए। बीच-बीच में उनके कुछ विरोधाभासी वक्तव्य भी आए। इस संदर्भ में उनसे हुई चर्चा के मुख्य अंश इस प्रकार हैं-थ् आप 17 अक्तूबर को मणिराम दास छावनी में ही बैठे रहे, पूर्व न्यास अध्यक्ष स्वर्गीय परमहंस जी के समान आंदोलन का नेतृत्व क्यों नहीं किया?दृ 30 अक्तूबर, 1990 और 2 नवम्बर, 1990 को हुई कारसेवा में संघर्ष का केन्द्र-बिन्दु यही श्री मणिराम दास छावनी थी। परन्तु इस बार रामभक्तों की बड़ी संख्या को देखते हुए कारसेवकपुरम् और रामसेवकपुरम् को केन्द्र बनाया गया था। इसी कारण हमारी भूमिका एक सहयोगी तक ही सीमित थी। परमहंस रामचन्द्रदास जी महाराज मनमौजी प्रकृति थे, वे जो चाहते थे, कहते थे और करते थे। हम अपनी श्रीमणिराम दास छावनी की मर्यादा के अनुकूल आचरण करते हैं। रही बात 17 अक्तूबर की, तो उस दिन हम सुबह 10 बजे छावनी से निकलना चाहते थे, पर सुरक्षाबलों ने बाहर नहीं आने दिया। फिर हम शाम को वहां गए, संकल्प सभा में सम्मिलित हुए। हम पूरी तरह से वि·श्व हिन्दू परिषद् के साथ हैं एवं श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हैं।थ् पिछले दिनों आपने एक साक्षात्कार में कहा था कि मैं वि·श्व हिन्दू परिषद् का बंधुआ मजदूर नहीं हूं, इसका क्या अर्थ है?दृयह सही है कि हम धर्म संसद के प्रतिनिधि हैं, उसी के अंग श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष हैं और यह सब वि·श्व हिन्दू परिषद् के परिश्रम का ही परिणाम है। पर हम अन्धानुकरण करने के लिए तैयार नहीं है।थ् आपकी इस बात से भी प्रतीत होता है कि संगठन की एकजुटता ढीली पड़ रही है?दृहमारा विरोध केवल बोलचाल की भाषा को लेकर है, आंदोलन को साथ लेकर चलने में नहीं। जहां कहीं भी बोलचाल की मर्यादा भंग होगी, हम वहां समर्थन नहीं करेंगे। संगठन में सभी को अपना विचार रखने की स्वतंत्रता है।थ् आगामी योजना क्या है?दृ जो भी निर्णय लेंगे उसे मंदिर आंदोलन की उच्चाधिकार समिति, वि·श्व हिन्दू परिषद् के पदाधिकारियों और साधु-संतों के सामने रखेंगे, सभी के सहयोग से कार्य करेंगे। पर यदि हमारे शांतिप्रिय प्रयासों में तालमेल नहीं बैठेगा तो अलग भी हो जाएंगे। न्यास के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र भी दे देंगे। परन्तु हम जीवन भर वि·श्व हिन्दू परिषद् का साथ नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि यही एकमात्र ऐसा संगठन है जो हिन्दू हितों की बात करता है, उसके लिए कार्य करता है।थ् मंदिर निर्माण के लिए आपके शांतिपूर्ण प्रयास कहां तक सफल हुए है?दृ ढांचा गिराना अलग बात थी, पर मंदिर निर्माण के लिए बार-बार संघर्षपूर्ण आंदोलनों की नहीं, बातचीत का अनुकूल वातावरण तैयार करने की आवश्यकता है।थ् पर वि·श्व हिन्दू परिषद् का कहना है कि बातचीत और न्यायालय से समाधान निकलता दिखायी नहीं दे रहा है, संसद में कानून बनाया जाए।दृबातचीत से पूर्व जरूरी है कि भाजपा से स्पष्ट कह दिया जाए कि यदि वह मंदिर निर्माण में सहयोग नहीं करती तो हम उससे अलग हो जाएंगे। जब तक मुसलमानों को यह वि·श्वास नहीं होगा कि वि·श्व हिन्दू परिषद् भारतीय जनता पार्टी से अलग है तब तक बातचीत का वातावरण नहीं बनेगा, क्योंकि राजनीतिक रूप से मुसलमान भाजपा को अपना प्रमुख विरोधी मानते हैं। जब उन्हें लगेगा कि मंदिर निर्माण के आंदोलनकारियों का अब भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है, तब वे सहर्ष भूमि सौंप देंगे।थ् एकमात्र ऐसा दल, जो आपकी मांग का समर्थन करता है, आप उसी से सम्बन्ध विच्छेद क्यों करना चाहते हैं?दृ भारतीय जनता पार्टी हिन्दुत्व, श्रीराम जन्मभूमि, गोरक्षा जैसे सिद्धान्तों, जो उसने अपनाए थे, पर दृढ़ रहती तो आज देश के सभी राज्यों में उसकी सरकार होती। एक बार उसकी 5 राज्यों में सरकार थी, जैसे-जैसे उन्होंने ढुलमुल नीति अपनायी, उनका वर्चस्व कम होता गया। यदि भाजपा अपने राष्ट्रवादी मुद्दों के साथ खुलकर सामने नहीं आती तो वह संसद में पुन: 2 सदस्य वाली स्थिति में पहुंच जाएगी। यदि वे संभल गए तो हम उन्हें पुन: सत्ता के शीर्ष पर पहुंचा देंगे।18

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies