विनिवेश की मूल सोच सही लेकिन
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

विनिवेश की मूल सोच सही लेकिन

by
Jul 4, 2002, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 04 Jul 2002 00:00:00

विदेशी हाथों में न जाएं हमारे प्रतिष्ठान–डा. भरत झुनझुनवालाआर्थिक विश्लेषकविनिवेश के बारे में सरकार की मूल सोच एकदम सही है। सरकार का काम उद्योग चलाना नहीं है। लेकिन इस विनिवेश नीति में कुछ कमियां हैं, जिन पर गौर करना जरूरी है। जैसे हाल ही में इंडो-बर्मा पेट्रोलियम का विनिवेश कर उसे इंडियन आयल कारपोरेशन को सौंपा गया, यह वास्तविक विनिवेश नहीं है। एक घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रम को दूसरे घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रम को बेचा जाना गलत है। इससे इंडो-बर्मा पेट्रोलियम पर मंत्रियों और नौकरशाहों का नियंत्रण सीधा न होकर इंडियन आयल के जरिए हो गया।विदेश संचार निगम को टाटा को सौंपा जाना ठीक है, लेकिन इसमें भी खतरा है, कहीं उसकी निरंकुशता न बढ़ जाए। उस पर नियंत्रण रखना जरूरी है। आज टाटा है, अप्रैल से विदेश संचार के क्षेत्र में दूसरी कम्पनियों को भी छूट मिल जाएगी। लेकिन इन सब कम्पनियों का एक संगठन बन सकता है। ये सब मिलीभगत करके उपभोक्ता को चूस सकती हैं। जैसे सीमेंट के चार-पांच उत्पादकों ने मिलकर सीमेंट के दाम सौ रुपए से बढ़ाकर डेढ़ सौ रुपए कर दिए थे और उपभोक्ता के पास कोई विकल्प नहीं बचा। ऐसे ही टाटा अन्य कंपनियों की मिलीभगत से विदेश संचार के भाव बढ़ा दे तो उपभोक्ता के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा। इसलिए सरकार का नियंत्रण होना जरूरी है। सरकार द्वारा होटलों के निवेश का फैसला एकदम उचित है। सरकार का काम होटल चलाना नहीं है। जहां तक यह बात है कि उनका सौदा कम कीमत में हुआ तो इस विवाद में उलझने की जरूरत नहीं है। सरकार ने होटलों की बोली लगाने के लिए उद्योग समूह को आमंत्रित किया था, ऐसा तो है नहीं कि किसी ऊंची बोली लगाने वाले को सरकार ने नजरअन्दाज करके कम बोली लगाने वाले के साथ सौदा किया। इस तरह के आरोप तो हर तरह के व्यापारिक समझौतों में लगाया जाता है। यह बड़ा भ्रम है कि सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से देश की अर्थव्यवस्था सुधर जाएगी। ऐसा कुछ नहीं होने वाला। यह ऊंट के मुंह में जीरे वाली बात है। जहां सरकार का बजट घाटा लगभग सौ हजार करोड़ होता है, सरकार सौ हजार करोड़ का अतिरिक्त ऋण ले रही है, तो विनिवेश से 5 हजार करोड़ या 10 हजार करोड़ मिले कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार को घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों के घाटे की जो भरपाई करनी पड़ रही है, वह काफी भारी पड़ रहा है।इस नीति में एक और कमी यह है कि सरकार का रुझान विदेशी निवेशकों को विनिवेश करने का है। यह खतरनाक है। भारत सरकार को डालरों का मोह छोड़ना होगा। यह विनिवेश भारतीय उद्यमियों के पक्ष में ही होना चाहिए, जिससे देश के उद्यमियों का साहस बढ़े। यह भावना खत्म हो कि विदेशी निवेशक ही भारत का उद्धार करेंगे। इससे देश का उद्धार नहीं होगा, बल्कि और भी चौपट होगा।28

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies