|
सिर्फ चंद खबरें– तरुण विजययहां दिए जा रहे अधिकांश समाचार बंगलादेश के समाचार-पत्रों से लिए गए हैं। विडम्बना देखिए कि 80 प्रतिशत हिन्दू बहुल भारत में बंगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों को कहीं प्रमुखता नहीं दी गयी है। न सरकारी प्रचार माध्यमों ने और न ही अन्य सेकुलर टेलीविजन चैनलों या अखबारों ने, जो यहां आतंकवादियों के मानवाधिकारों पर दर्जनों लेख और संपादकीय लिख सकते हैं, परंतु जब हिन्दू मरते हैं तो उनकी खबरें भीतर के पृष्ठों पर कोने-किनारों में नितांत उपेक्षा तथा हिकारत के साथ छापी जाती हैं, महत्वहीन बनाकर।पाठकों के लिए बंगलादेशी समाचार पत्रों की कुछ सुर्खियां यहां प्रस्तुत हैं जो अपनी कथा स्वयं बता रही हैं-थ् ढाका से प्रकाशित बंगला दैनिक कागज प्रतिवेदक के 21 अक्तूबर के अंक में रामशील तथा बागीरहाट में हिन्दू महिलाओं पर हुए भीषण अत्याचारों का वर्णन किया गया है। इस समाचार का शीर्षक है-अल्पसंख्यक महिलाओं पर अत्याचार-1971 की पुनरावृत्ति। इसमें वर्णन किया गया है कि बागीरहाट में जब एक हिन्दू मां और बेटी घर में अकेले सो रहे थे तो खालिदा समर्थक दो आतंकवादियों ने घर में घुसकर उन दोनों के साथ बलात्कार किया। समाचार में आगे बताया गया है कि रामशील नामक स्थान में 13 से 45 वर्ष की आयु वाली 10 हिन्दू महिलाओं का भी शील भंग किया गया।थ् ढाका से प्रकाशित बंगला दैनिक संबाद के 25 अक्तूबर के अंक में प्रकाशित समाचार में कहा गया है कि पंचगढ़ के एक क्षेत्र में एक हिन्दू गृहवधू का मोहम्मद अली नामक व्यक्ति द्वारा शील भंग तथा इस क्षेत्र में अल्पसंख्यकों पर तीव्र प्रतिक्रिया और दुर्गा पूजा वर्जन।थ् दैनिक कागज प्रतिवेदक के 25 अक्तूबर के अंक में प्रकाशित समाचार के अनुसार अष्टमी के दिन अनेक दुर्गा पूजा मण्डपों में अनशन किया जा रहा है। एक अन्य बंगला दैनिक में यह समाचार छपा है कि मानिकगंज में 275 दुर्गा पूजा मण्डपों में अनशन किया जा रहा है।थ् बंगलादेश आब्जर्वर के 25 अक्तूबर के अंक में छपा है कि ढाका में बुधवार को रामकृष्ण मिशन में दुर्गा अष्टमी (कुमारी पूजा) का पर्व विरोध प्रदर्शन के मध्य मनाया गया। समाचार में लिखा गया है कि देशभर में खालिदा जिया की बी.एन.पी. और जमाते इस्लामी के कार्यकर्ताओं द्वारा हिन्दुओं पर किए जा रहे हमलों के कारण दुर्गा पूजा उत्सवहीनता के माहौल में मनाई जा रही है।थ् डेली स्टार के 25 अक्तूबर के अंक में छपे समाचार के अनुसार रंगामाटी में 100 से अधिक हिन्दुओं ने सनातन युवा परिषद् के बैनर तले रंगामाटी प्रेस क्लब के परिसर में भूख हड़ताल की। ऐसी ही भूख हड़ताल के समाचार कोमिला और ठाकुर गांव से भी मिले हैं।थ् ढाका से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक डेली स्टार के 25 अक्तूबर के अंक में मुख्य समाचार का शीर्षक है- हिन्दुओं पर हमलों तथा उनकी महिलाओं से सामूहिक बलात्कार की दर्दनाक घटनाएं।थ् बंगला दैनिक जनकंठ के 10 अक्तूबर के अंक में पत्र के संवाददाता मुजम्मल हक की रपट छपी है जिसमें उन्होंने लिखा है कि हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों की स्थिति 1971 से भी गंभीर है। 1971 में जिन परिवारों को अपने घरों से बेघर नहीं किया गया था, उन्हें भी अब अपनी जमीन-जायदाद छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। अत्याचार का शिकार हुए लोगों ने बताया कि चुनावों में अवामी लीग को दिए समर्थन के कारण खालिदा की पार्टी बी.एन.पी. के समर्थकों ने चाड़शी, बहादुरपुर, बढ़थी, पिंगलकाटी, आशुकाटी, तड़कीबंदर, नरहीरा और शारिकाल, गौर नदी, रांगथा, बकाल, राजहार, चिंगटिया, रामशीधा, धंदूबा जयराम पट्टी तथा उजीपुर में बर्बर अट्टहास के साथ इस्लामी कट्टरवादियों ने सैकड़ों महिलाओं से बलात्कार किया, अनेकों की आंखें निकाल लीं और उनके घर लूट लिए। अवामी लीग के स्थानीय नेता श्री बिमल बिस्वास ने कहा कि यह सब मध्ययुगीन बर्बरता और अराजकता का उदाहरण है। उन्होंने बताया कि गौर नदी उपजिले के अंतर्गत उत्तोछडनी गांव में एक मां और उसकी बेटियों से इस्लामी कट्टरवादियों ने सार्वजनिक रूप से बलात्कार किया। एक अन्य घटना में हिन्दू परिवार की तीन बेटियों को घर से बाहर निकाल कर इस्लामी कट्टरवादियों ने सार्वजनिक रूप से सामूहिक बलात्कार किया। इस क्षेत्र में 15,000 हिन्दू परिवार बेघर कर दिए गए हैं।थ् बंगला दैनिक आजकेर कागज के अनुसार हिन्दू क्षेत्रों में कई जगह तालाबों में जहर डाल दिया गया है ताकि हिन्दू वहां का पानी न पी सकें। अनेक स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं तोड़ दी गईं हैं।4
टिप्पणियाँ