महाकुम्भ-प्रयाग<p style=font-weight:bold;text-align
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

महाकुम्भ-प्रयाग<p style=font-weight:bold;text-align

by
Apr 2, 2001, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Apr 2001 00:00:00

महाकुम्भ-प्रयाग

नवम् धर्मसंसद में घोषणा

मन्दिर निर्माण महाशिवरात्रि 2002 के बाद किसी भी दिन

विश्व हिन्दू परिषद् के शिविर का मुख्य द्वार

धर्मसंसद के मंच पर (बाएं से) महंत अवेद्यनाथ, श्री गोपाल स्वामी, आचार्य धर्मेन्द्र, महंत नृत्यगोपाल दास, श्री रामविलास दास वेदांती व अन्य संत-महात्मा

महाकुम्भ, प्रयाग में नवम् धर्मसंसद गत 19 व 20 जनवरी को सम्पन्न हुई। धर्मसंसद ने एक प्रस्ताव पारित कर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण के लिए सम्वत् 2058 की महाशिवरात्रि, तद्नुसार 12 मार्च,2002 की समय सीमा निर्धारित कर दी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि इस तिथि के बाद कभी भी शुभ मुहूत्र्त में मन्दिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। इसके पूर्व सरकार सभी बाधाओं को दूर करे। इसके अतिरिक्त धर्मसंसद ने देश में जिहादी आतंकवाद, त्रिपुरा में चर्च के आतंकवाद, धर्मान्तरण, गंगा रक्षा, गोरक्षा तथा मठ-मन्दिरों की सुरक्षा से सम्बंधित प्रस्ताव भी पारित किए। नवम् धर्मसंसद इस मायने में अत्यन्त महत्वपूर्ण रही कि इसमें सभी प्रमुख धर्माचार्य, सभी अखाड़ों के प्रमुख व संत-महात्मा उपस्थित हुए।

धर्मसंसद का उद्घाटन विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्री अशोक सिंहल ने किया। उन्होंने कहा कि 1966 में कुम्भ के अवसर पर प्रयाग की इसी पावन भूमि पर वि·श्व हिन्दू परिषद् का गठन हुआ था। उस समय उपस्थित पूज्य धर्माचार्यों ने अपने आशीर्वाद के साथ जो दिशा-निर्देश दिए थे, उन्हीं का अनुसरण करता हुआ यह संगठन आज देश ही नहीं अपितु पूरे वि·श्व में अपनी प्रगति का नया आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुम्भ के अवसर पर ही हमारे पूज्य धर्माचार्यों ने हमें आदेश दिया था कि पूरे देश से रामशिला का पूजन करके उन्हें अयोध्या लाया जाए। यह अपने आपमें अनूठा कार्यक्रम था। लेकिन देश में पूरे उत्साह व सफलता के साथ शिलापूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। दूसरा आदेश शिलान्यास का था। संतों ने जो तिथि व मुहूत्र्त निकाला था ठीक उसी समय शिलान्यास हुआ। शिलान्यास के बाद रामभक्तों ने सरयू तट पर मन्दिर निर्माण के लिए कारसेवा का संकल्प लिया। 31 अक्तूबर, 1990 व 6 दिसम्बर,1992 को पूरे देश से कारसेवक अयोध्या में कारसेवा करने के लिए आए थे। श्री सिंहल ने कहा कि लोग आज न्यायालय की बात करते हैं। लेकिन 1949 में ही महंत श्री रामचन्द्रदास परमहंस ने ही यह मामला पहले न्यायालय में दाखिल किया और पूजन-अर्चन जो कि अनवरत चल रही है। जिस दिन ढांचा गिरा उस दिन भी पूजा हुई थी।

भजन करते हुए इस्कान के संन्यासी

उन्होंने कहा कि पूरे देश में गोहत्या हो रही है। संतों की ओर से उसे रोकने के प्रयास हो रहे हैं। कांची के शंकराचार्य जी ने गोहत्या रोकने के लिए अनशन का कार्यक्रम तय किया लेकिन सरकार ने छह माह का समय मांगा है। संभव है सरकार कुछ सकारात्मक कार्रवाई करे। गंगा पर बन रहे टिहरी बांध के सम्बंध में श्री सिंहल ने कहा कि गंगा की धारा तीन साल तक टिहरी में रुकी रहेगी। जब बहेगी तो उसमें 70 प्रतिशत जल अन्य नदियों का होगा, यह ठीक नहीं है। मठ-मन्दिरों की स्वतंत्रता के प्रश्न पर श्री सिंहल ने कहा कि हम ऐसे किसी भी कानून को स्वीकार नहीं करेंगे, जिससे मठ-मन्दिरों की स्वायत्तता पर प्रहार होता हो। इस अवसर पर उन्होंने मतान्तरण तथा देश में बढ़ रहे आतंकवाद पर चिंता व्यक्त की। श्री सिंहल ने स्वदेशी की भावना को मजबूत करने पर भी बल दिया।

धर्मसंसद के दूसरे दिन सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रस्ताव श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण के सम्बंध में पारित हुआ। इस प्रस्ताव को आचार्य धर्मेन्द्र ने प्रस्तुत किया तथा इसका समर्थन श्री महंत श्री रामचन्द्रदास परमहंस ने किया। इस प्रस्ताव को पारित करते समय धर्मसंसद का वातावरण पूरी तरह से राममय हो गया था। मंच पर आसीन संत समाज के साथ-साथ विशाल पाण्डाल में बैठे जनसमुदाय ने भी हाथ ऊपर उठाकर प्रस्ताव का समर्थन किया तथा राममन्दिर निर्माण के संकल्प को दोहराया।

विहिप द्वारा आयोजित इस नवम् धर्मसंसद में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द, महामण्डलेश्वर पूज्य संतोषी माता, महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य, महंत श्री परमहंस रामचन्द्रदास, गोरक्षा पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ, स्वामी वियोगानन्द, पूज्य आचार्य धर्मेन्द्र, स्वामी कल्याणानन्द, महंत केशवदास, स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज, स्वामी रामविलास जी वेदान्ती, महंत कौशल किशोर दास, साध्वी निरंजन ज्योति, साध्वी ऋतम्भरा, जैन साध्वी ज्ञानमती, स्वामी ब्राह्मदेव उपाध्याय, निरंजनी पीठाधी·श्वर आचार्य स्वामी पुण्यानन्द गिरि, बौद्ध भिक्षु भन्ते ज्ञान जगत, महामण्डले·श्वर अखिले·श्वरानन्द, स्वामी विश्वेश्वरानन्द, महन्त नृत्य गोपालदास, आचार्य स्वामी मंगलानन्द सहित अनेक प्रमुख संत उपस्थित थे। –प्रतिनिधि

कुम्भ नगरी में श्रीराम मन्दिर का प्रारूप

कुम्भ नगर के वि·श्व हिन्दू परिषद शिविर में प्रदर्शित प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का प्रारूप श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसे देख कर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु भाव-विभोर हैं। इस प्रारूप को बनाया है जयपुर के विजय डूडी ने। उन्होंने 16 माह तक अपने घर की छत पर बैठकर प्रस्तावित श्रीराम मन्दिर के विशाल प्रारूप को बनाया। प्रारूप की लम्बाई 21 फीट, चौड़ाई 10 फीट तथा ऊंचाई 8 फीट है। यह थर्मोकोल से बनाया गया है। प्रारूप को भव्यता प्रदान करने के लिए लाल रंग के 51 हजार वल्व लगाये गये हैं, जो मन्दिर की भव्यता को अद्भुत रूप प्रदान करते हैं। इस प्रारूप को देखने के लिए प्रतिदिन सुबह से देर शाम तक श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। माघ पूर्णिमा (8 फरवरी) के बाद यह प्रारूप यहां से अयोध्या ले जाया जाएगा और कारसेवकपुरम् में स्थापित किया जाएगा।

विश्व हिन्दू परिषद् के शिविर में राम मन्दिर का प्रारूप

10

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies