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काबुल से खदेड़े तालिबानी
— विशेष प्रतिनिधि
जम्मू : खबर है कि काबुल सहित अफगानिस्तान के विभिन्न शहरों से खदेड़े जाने के बाद तालिबानियों ने पाकिस्तानी सीमांत क्षेत्रों की ओर रूख किया है। और अब पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. के प्रमुखों के इशारों पर ये तालिबान लड़ाके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की ओर बढ़ रहे हैं। इस समय उनका इरादा नियंत्रण रेखा को पार करके भारत में घुसपैठ करने का है।
सीमा पार के वि·श्वस्त सूत्रों के अनुसार पहले से ही भारी संख्या में अफगानी शरणार्थी परिवार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शरण लिए हुए हैं। उल्लेखनीय है कि अधिकांश शरणार्थी शिविर नियंत्रण रेखा से बिल्कुल सटे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान से खदेड़ी गई तालिबानी सेना को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के शरणार्थी शिविरों में शरण दी जा रही है। इस तरह तालिबानियों को उक्त क्षेत्र तथा वहां सक्रिय विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जानकारी व बातचीत का पूरा मौका मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों, विशेषकर चार-पांच वर्षों में, जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों की संख्या में आश्चर्यनजक रूप से वृद्धि हुई है। यहां अब तक 450 से अधिक विदेशी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि लगभग 2500 विदेशी आतंकवादियों को जान से हाथ धोना पड़ा है। मारे गए और गिरफ्तार होने वाले विदेशी आतंकवादी मुख्यत: पाकिस्तानी और अफगानी हैं जो नि:संदेह विभिन्न मदरसों व अन्य कट्टरपंथी केन्द्रों की उपज हैं।
यह भी पता चला है कि राज्य में सक्रिय ये अफगानी आतंकवादी वस्तुत: अफगानी शरणार्थी हैं। इन्हें आई.एस.आई. ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जोड़ने से पूर्व विध्वंसक कार्रवाइयों में प्रशिक्षित करने के लिए भर्ती किया था। इसी तरह के अनेक विदेशी आतंकवादी हरकत-उल-अंसार, हरकत-उल-मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्करे तोइबा जैसे कुख्यात संगठनों से जुड़े हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इन संगठनों को अमरीका और ब्रिटेन ने हाल ही में काली सूची में शामिल किया है।
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