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अच्छे काम

by
Jan 7, 2001, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 07 Jan 2001 00:00:00

मानव सेवागेरुए वस्त्र धारण कर भगवत् भजन में लीन होने वाले तो बहुत हैं, किन्तु गेरुए वस्त्र धारण कर, अनाथ एवं विकलांग बच्चों की सेवा करने वाले लोग कम ही हैं। किन्तु गाजियाबाद में ऐसे ही कार्य कर रहे हैं स्वामी बालनाथ। इनके प्रयासों से उन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है, जो समाज व अपने सम्बंधियों से किन्हीं कारणों से अलग हो गए या अलग कर दिए गए।मूलत: इलाहाबाद के रहने वाले स्वामी बालनाथ 16 साल की उम्र में अपने घर से निकल गए थे। कई प्रदेशों का भ्रमण करते हुए वे दिल्ली पहुंचे। यहां योगी रामनाथ के आश्रम में कुछ दिनों तक रहने के बाद 1972 में गाजियाबाद आए। गाजियाबाद में मेरठ मार्ग पर एक आश्रम की स्थापना की, जिसे स्वामी बालनाथ आश्रम कहते हैं।यहां इन्होंने अनाथ एवं विकलांग बच्चों की सेवा शुरू की। बाद में कुछ सेवाभावी लोगों की सहायता और संबल मिलने पर इन बच्चों के लिए आश्रम में ही प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था की गई। प्राथमिक शिक्षा के बाद बच्चों को बाहर के विद्यालयों में भेजा जाता है। शिक्षा पूरी होने के पश्चात् इन बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि ये आत्मनिभर्र हो सकें। इस तरह अनेक बच्चे आत्मनिर्भर बन चुके हैं। आश्रम में रहने वाले विवाह योग्य युवक-युवतियों का विवाह भी आश्रम की ओर से ही कराया जाती है।आश्रम में इस समय कुल 70 बच्चे हैं, जिनमें से 26 लड़के और शेष लड़कियां हैं। अपने छह सहयोगियों की सहायता से स्वामी बालनाथ इन बच्चों को एक सभ्य नागरिक बनाने में दिन-रात जुटे हुए हैं।स्वामी बालनाथ की सेवा अब गाजियाबाद तक ही सीमित नहीं है। ज्योतिबा फुले नगर में इनका एक और आश्रम है, जहां 50 बच्चे रहते हैं। गाजियाबाद के ब्राजघाट में भी इन्होंने एक वृद्धाश्रम खोला है, जहां 20 निराश्रित वृद्ध रह रहे हैं।आश्रम का पता है-स्वामी बालनाथ आश्रमसेवा नगर, मेरठ मार्ग गाजियाबाद (उ.प्र.)दूरभाष-0120-734233 — प्रतिनिधि10

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