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गुजरात के उपरांत भारत के हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिनाडु, दिल्ली एवं गोवा में स्वाध्याय प्रवृत्ति का प्रसार हुआ। लेकिन आज देश की सीमाओं को लांघकर स्वाध्याय का कार्य अमरीका, ग्रेट ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्वीडन, वेस्टइन्डीज, फीजी, सिंगापुर, अफ्रीका एवं कुछ इस्लामी देशों में चल रहा है। इन देशों में भी योगेश्वर कृषि, गोरस, वृक्ष मंदिर जैसे प्रयोग चल रहे हैं। भारतीय चरित्र संपन्न, संस्कारित बनें एवं उनमें संस्कृति के संस्कार दृढ़ हों इसलिए महिला केन्द्र एवं युवा केन्द्र चलते हैं। भगवद् गीता एवं भारतीय सनातन संस्कृति के आधार पर मानव का कल्याण हो सकता है, इस विचार को आज वि·श्व स्वीकृति मिल रही है।30
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