उ.प्र. में राज्य विद्युत परिषद् भंग, हड़ताल वापस, सरकार और कर्मचारियों ने दिखाए
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

उ.प्र. में राज्य विद्युत परिषद् भंग, हड़ताल वापस, सरकार और कर्मचारियों ने दिखाए

by
Jun 2, 2000, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Jun 2000 00:00:00

अपने-अपने भावबिजली वालों को पता चल गया कि वे अपने काम के कारण बेहद बदनाम हो चुके हैं। उन्हें जनता का बिल्कुल समर्थन नहीं मिला। सरकार की दृढ़ता के आगे उन्हें झुकना पड़ा।दपाञ्चजन्य लखनऊ ब्यूरोउत्तर प्रदेश में विद्युतकर्मियों की हड़ताल लम्बी चली, इसके चलते प्रदेश अंधेरे में भी डूबा। किन्तु अन्तत: सरकार के दृढ़ रवैए के कारण हड़ताल समाप्त हुई। राज्य विद्युत परिषद् में सुधार प्रक्रिया प्रारम्भ हुई और विद्युतकर्मियों को भी पता चल गया कि प्रदेश की जनता में वे कितने अलोकप्रिय हैं। अन्यथा क्या उन्हें जनसाधारण का समर्थन न मिलता? भले ही सरकार को भी अपने रवैए में कुछ नरमी लानी पड़ी, किन्तु इसे आर्थिक बदहाली में डूबती-उतराती राज्य विद्युत परिषद् में सुधार की प्रक्रिया का आगाज कहा जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने घाटे में चल रही राज्य विद्युत परिषद् को भंग कर इसके स्थान पर तीन पृथक-पृथक निगमों का गठन किया है। तीनों निगम स्वतन्त्र इकाई के रूप में कार्य करेंगे। लेकिन सरकार की इस व्यवस्था से नाराज होकर विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। ग्यारह दिन हड़ताल पर रहने के बाद वे काम पर वापस लौट आए हैं।समझौते के बिन्दुथ् निजीकरण की प्रक्रिया एक वर्ष के लिए स्थगित इस अवधि में निजीकरण के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा।थ् नए बनाए गए तीनों निगमों सम्बंधी अधिसूचना वापस नहीं ली जाएगी।थ् विद्युतकर्मियों की सेवा शर्तें पूर्ववत रहेंगी।भविष्यनिधि के भुगतान के लिए एक हजार करोड़ रुपए का न्यास बनेगा।थ् पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान राजकीय कोषागार से ही होगा।थ् हड़ताल के दौरान आन्दोलनकारी कर्मचारियों के विरुद्ध की गई सभी कार्रवाई सरकार वापस ले लेगी। बर्खास्त कर्मचारी बहाल किए जाएंगे।राज्य विद्युत परिषद् का गठन 40 वर्ष पूर्व किया गया था। लगभग 85 हजार कर्मचारियों की भारी भरकम संख्या वाला यह विभाग कई वर्षों से अपने उद्देश्य में असफल साबित हो रहा था। राजस्व बकाया वसूली में लापरवाही, विद्युत चोरी तथा भ्रष्टाचार के चलते परिषद् भारी घाटे में चली गई थी। इसे प्रति वर्ष 25 सौ करोड़ रुपए का घाटा हो रहा था। वर्तमान कुल घाटा 10600 करोड है। परिषद् उत्पादित बिजली का 42 प्रतिशत अंश क्षति के रूप में दर्शा रही थी। राज्य के लिए अपेक्षित 13999 मेगावाट की बजाय विद्युत उत्पादन मात्र 5886 मेगावाट हो रहा था। इस खस्ता हालत के चलते राज्य विद्युत परिषद् को सरकार ने भंग कर दिया। राज्य विद्युत परिषद् को उ.प्र. विद्युत निगम, जल विद्युत उत्पादन निगम तथा तापीय विद्युत उत्पादन निगम में विभाजित किया है। इन विभाजित निगमों में जल विद्युत उत्पादन निगम और तापीय विद्युत उत्पादन निगम, विद्युत उत्पादन का कार्य करेंगे और तीसरा उ.प्र. विद्युत निगम इन दोनों निगमों से बिजली खरीदेगा और वितरण का कार्य करेगा। उ.प्र. विद्युत निगम शेष दोनों निगमों के प्रति सीधे उत्तरदायी होगा। विद्युत वितरण कार्य के लिए निजीकरण के उपाए किए जा सकते हैं। विभाजन के ऐसे प्रयोग उ.प्र. से पहले आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, हरियाणा में भी किए जा चुके हैं।विद्युत परिषद् को भंग किए जाने के सम्बंध में मुख्यमंत्री श्री रामप्रकाश गुप्त ने पत्रकारों को बताया कि विद्युत परिषद् की बिगड़ी हुई व्यवस्था के कारण इसे भंग किया गया है। जबकि राज्य विद्युत परिषद् की संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के मीडिया संयोजक श्री शैलेन्द्र दुबे के अनुसार विद्युत परिषद् के विघटन का प्रयोग अन्य राज्यों में भी विफल रहा है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन पर दो रूपए 68 पैसे लागत आती है जबकि औसत मूल्य एक रुपए 82 पैसे है। बोर्ड को 68 पैसे प्रति यूनिट घाटा होता है। उन्होंने बताया कि बोर्ड को सरकार की नीतियों के अनुरूप ग्रामीण एवं पिछड़ी बस्तियों में भी विद्युतीकरण करना पड़ा है। यह भी घाटे का कार्य है, क्योंकि इस पर तीन हजार करोड़ खर्च करने पड़े हैं। यह पैसा सरकार को देना चाहिए था। इसके अलावा राज्य विद्युत परिषद् का प्रदेश के सिचाई विभाग पर 445.38 करोड़, वाटर वक्र्स पर 975.38 करोड़ तथा मार्ग प्रकाश पर 259.94 करोड़ बकाया है। इसलिए बोर्ड को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। सरकार और कर्मचारियों, दोनों के अपने-अपने तर्क हैं, किन्तु फिलहाल दोनों पक्षों ने अपने-अपने भाव दिखा दिए, हड़ताल समाप्त हो गई, कर्मचारी काम पर लौट आए। अब देखना है सुधार की यह प्रक्रिया कसौटी पर कितनी खरी उतर पाती है।14

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Pakistan ceasefire violation drone

Ceasefire Violation: भारत के तीन राज्यों में फिर दिखे पाकिस्तानी ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराया

एआई से बनी फोटो (credit- grok)

पाकिस्तान: जहां बचपन से ही भरा जाता है बच्चों के दिमाग में हिंदुओं के प्रति जहर और वह भी किताबों के जरिये

Operation sindoor

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई वार्ता, जानें क्या रहे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

“ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है”, राष्ट्र के नाम PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

PM मोदी का कड़ा संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नीति ऑपरेशन सिंदूर, पानी और खून साथ नहीं बहेगा, Pak से बात होगी तो POK पर

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Pakistan ceasefire violation drone

Ceasefire Violation: भारत के तीन राज्यों में फिर दिखे पाकिस्तानी ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराया

एआई से बनी फोटो (credit- grok)

पाकिस्तान: जहां बचपन से ही भरा जाता है बच्चों के दिमाग में हिंदुओं के प्रति जहर और वह भी किताबों के जरिये

Operation sindoor

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई वार्ता, जानें क्या रहे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

“ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है”, राष्ट्र के नाम PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

PM मोदी का कड़ा संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नीति ऑपरेशन सिंदूर, पानी और खून साथ नहीं बहेगा, Pak से बात होगी तो POK पर

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

बांग्लादेशी मूल की अंबिया बानो ने काशी में सनातन धर्म स्वीकार किया

लंदन में पली-बढ़ी बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने काशी में अपनाया सनातन धर्म, गर्भ में मारी गई बेटी का किया पिंडदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान की हिरासत में भारतीय महिला पायलट का फर्जी वीडियो वायरल, ये है पूरी सच्चाई

ट्रोलर्स का घृणित कार्य, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार की कर रहे ट्रोलिंग, महिला आयोग ने की निंदा

Indian army press breafing

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, कहा- हम अगले मिशन के लिए हैं तैयार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies