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अमृत घट की जोग जुगत में,जाने कितने मर गए लोग।विष पीकर भी अमर हो गए,अजब करिश्मा कर गए लोग।एक ख्वाब भर देख लिया तो,अमलताश से झर गए लोग।उन चिड़ियों का अब क्या होगा,जिनका दाना चर गए लोग।इक बच्चे को छोड़ अकेला,अपने-अपने घर गए लोग।आंखों में कब तक टिक पाते,नीचे बहुत उतर गए लोग।शायद पहली बार सुना था,सच को सुनकर डर गए लोग।द इंदुशेखर तत्पुरुष27
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