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म.प्र. पुलिस द्वारा भाजपा विधायक की हत्या का प्रयास
भाजपा विधायक कुंअर विजयशाह को भागते हुए पीट रहे पुलिसकर्मी
कुंवर विजयशाह को घेर कर पीटते हुए पुलिसकर्मी
मध्य प्रदेश पुलिस की क्रूरता दिनोंदिन बढ़ रही है। प्रमाण है, पुलिस हिरासत में मौतें और महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं। हाल ही में म.प्र. के निमाड़ क्षेत्र के खण्डवा जिले में दलितों तथा जनजातियों पर पुलिस के लगातार बढ़ते अत्याचार, थाने में हत्या तथा हत्या को आत्महत्या बताकर रफा-दफा करने की अनेक घटनाएं हुर्इं, जिन्हें जिले के युवा जनजातीय विधायक कुंअर विजयशाह आंदोलन, प्रदर्शन आदि के माध्यम से उजागर करते आ रहे हैं और इसी कारण वह पुलिस की नजरों में खटकने लगे। पुलिस ने उन्हें ठिकाने लगाने की योजना बना रखी थी, जिसके तहत ही 26 सितम्बर को पुलिस ने उनकी हत्या करने का प्रयास किया।
उल्लेखनीय है कि खण्डवा जिले के मोगट थाने में 25 सितम्बर को पुलिस हिरासत में अनुसूचित जाति के किशन नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी और पुलिस ने उसे आत्महत्या बताने का प्रयास किया। इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने 26 सितम्बर को पुलिस अत्याचार के विरुद्ध जुलूस निकाला तथा रात्रि में आमसभा की। दूसरे दिन 27 सितम्बर को खण्डवा बंद रखने, पुलिस प्रशासन का पुतला जलाने तथा ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय किया गया। रात्रि में जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक ने भाजपा विधायक हुकुमचंद यादव, कुंअर विजयशाह तथा पूर्व विधायक किशोरीलाल वर्मा को विचार-विमर्श के लिए बुलाया। बातचीत के बाद भाजपा नेता केवल ज्ञापन सौंपने पर सहमत हो गए। लेकिन रात्रि में पुलिस अधीक्षक पटेल ने टेलीफोन पर विधायक विजयशाह को धमकी दी कि उन्हें पुलिस का विरोध महंगा पड़ेगा।
अगले दिन भाजपा का प्रतिनिधिमण्डल अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस के रूप में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहा था कि नगर निगम कार्यालय के पास पुलिस अधीक्षक पटेल के निर्देश पर पुलिस अधिकारी डहेरिया ने विधायक कुअर विजयशाह को बात करने के लिए एक तरफ बुलाया गया। इससे पहले कि विजयशाह उनकी मंशा समझ पाते, बिना कुछ कहे-सुने अप्रत्याशित रूप से वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेरकर लाठियों से मारना शुरू कर दिया। उन्हें निर्ममता से मारा गया। विजयशाह ने बचने के लिए लाला कान्ता प्रसाद के मकान में शरण लेनी चाही किन्तु पुलिस अधिकारी डहेरिया ने उन्हें वहां से बाहर घसीट लिया और पुन: जूतों-लातों से मारना शुरू कर दिया। पुलिस की निर्मम मार से वह बेहोश हो गए। उन्हें लहूलुहान स्थिति में जिला अस्पताल ले जाया गया। खण्डवा में हालत बिगड़ने पर उन्हें महाराजा यशवंत राव अस्पताल, इन्दौर ले जाया गया, जहां उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। पुलिस के लाठीचार्ज से पंद्रह अन्य कार्यकर्ता भी घायल हो गए, जो श्री कुंअर विजयशाह के साथ थे। द हरिमोहन मोदी
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