क्या रुस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) समाप्त होगा? फिलहाल रूस के तेज तर्रार हमलों से यूक्रेन तो झुक गया है औऱ अब वो चाहता है कि युद्ध विराम पर वार्ता हो। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बयानों से तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा है कि कहा है कि वे रूस के साथ युद्ध विराम को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेलेंस्की ने अपने दैनिक संबोधन में ये बातें कही हैं। उनका कहना है कि वे अगले सप्ताह से रुस के साथ बातचीत करने का प्रयास करेंगे। इस बातचीत के लिए पूर्व रक्षा मंत्री और निवर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा एंव रक्षा परिषद के सचिव रुस्तम उमेरोव को इसका जिम्मा सौंपा है।
अचानक से कैसे सरेंडर मोड में आ गए जेलेंस्की
दरअसल, कहा जा रहा है कि यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने कई बातों का जिक्र किया है, जिसके बाद जेलेंस्की के तेवर नरम पड़ने लगे। हालांकि, उस रिपोर्ट में क्या है, ये तो स्पष्ट नहीं हो सका है। बहरहाल, यूक्रेन अब अगले सप्ताह से बातचीत की प्रक्रिया को शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस वार्ता के दौरान युद्धविराम, युद्धबंदियों की अदला-बदली, अपहृत बच्चों की वापसी और हिंसा रोकने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
इसे भी पढ़ें: शिरीन एबादी ने मूसवी के जनमत संग्रह प्रस्ताव को बताया अव्यवहारिक, ईरान के संविधान पर उठाए सवाल
ट्रम्प का दबाव
यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया बयानों के बाद आया है। ट्रम्प ने रूस को 50 दिनों में युद्धविराम का अल्टीमेटम दिया, वरना रूसी सामानों पर 100% टैरिफ और रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध की धमकी दी। साथ ही, उन्होंने यूक्रेन को और हथियार देने का वादा किया। ज़ेलेंस्की ने इसे शांति की दिशा में सकारात्मक कदम बताया, लेकिन रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसे “खोखली धमकी” कहकर खारिज कर दिया।
पिछली बैठके क्यों हुई फेल?
रूस और यूक्रेन के बीच आखिरी वार्ता जून 2025 में इस्तांबुल में हुई थी, जो रूस के ज़्यादा क्षेत्रीय दावों के चलते नाकाम रही। यूक्रेन ने किसी भी इलाके को छोड़ने से इनकार किया है। ज़ेलेंस्की हमेशा रूसी सैनिकों की पूरी वापसी, युद्ध अपराधियों पर मुकदमा और यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी की मांग करते रहे हैं। वहीं, रूस क्रीमिया और कब्जाए गए इलाकों को मान्यता, यूक्रेन का नाटो से दूर रहना और प्रतिबंध हटाने की शर्तें रखता है।
12 लाख से अधिक प्रभावित
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से शुरू हुआ ये युद्ध यूरोप का सबसे खतरनाक युद्ध बन चुका है। जिसमें एक तरफ महाबली रूस है तो दूसरी ओर नाटो देशों की सहायता से अभी भी रुस के सामने टिका हुआ है।
टिप्पणियाँ