भारत की कूटनीति ने फिर मारी बाजी, अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, सरकार कमेटी बनाकर करेगी घर का पुन​र्निर्माण
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

भारत की कूटनीति ने फिर मारी बाजी, अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, सरकार कमेटी बनाकर करेगी घर का पुन​र्निर्माण

सत्यजीत रे का पैतृक निवास एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे ऐतिहासिक विरासतों को बचाकर सामाजिक चेतना को जीवित रखा जा सकता है

by Alok Goswami
Jul 19, 2025, 03:32 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
महान फिल्मकार सत्यजीत रे (बाएं) का पैतृक निवास

महान फिल्मकार सत्यजीत रे (बाएं) का पैतृक निवास

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बांग्लादेश में महान भारतीय फिल्मकार सत्यजीत रे का पैतृक निवास एक बार फिर सुर्खियों में है। पिछले दिनों उस देश की इस्लामी कट्टरपंथियों के कथित दबाव में काम कर रही यूनुस सरकार ने सत्यजीत रे के उस 200 साल पुराने घर को तोड़ने की ओर कदम बढ़ाए थे। बांग्लादेश सरकार की इस हरकत के लिए उसे दुनिया भर से लानतें भेजी जाने लगीं। सत्यजीत रे की कर्मभूमि रहे भारत के लोगों के दिल पर इस घटना से चोट लगना स्वाभाविक ही था। लोगों ने सोशल मीडिया पर बांग्लादेश सरकार को इस निर्णय के लिए भर—भर कर कोसना शुरू कर दिया। लेकिन अगले ही दिन कई तस्वीरें जारी हुईं जिनमें फावड़े—कुदाल लेकर मजूदर सत्यजीत रे का घर तोड़ते दिखे। इस बीच भारत सरकार ​हरकत में आई। विदेश विभाग ने बयान दिया कि यूनुस सरकार इस घर के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस कार्रवाई को तुरंत रोके। भारत ने तो यहां तक कहा कि वह इस घर के संरक्षण के लिए पैसा तक लगाने को तैयार है।

आखिरकार लोगों के दबाव और भारत के कूटनीतिक प्रयास रंग लाए हैं और उस इस्लामी देश की युनूस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार ने उस महान फिल्मकार के घर को संरक्षित रखने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, यूनुस सरकार की ओर से कहा गया है कि इसके पुनर्निर्माण के लिए विशेष कमेटी भी गठित की गई है। सरकार का यह फैसला अब सांस्कृतिक महत्व के उस घर का ढहना रोक देगा। इस नई स्थिति के बाद संभवत: बांग्लादेश के सामाजिक-सांस्कृतिक विमर्श में कट्टरपंथी प्रभावों को चुनौती देने का भी एक चलन शुरू हो सकता है।

सत्यजीत रे का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन उनके पूर्वज बांग्लादेश के किस्तवार इलाके से संबंध रखते थे। उनकी बनाई फिल्में मानवता, समाज और परंपराओं की सूक्ष्म पड़ताल करती मालूम हैं, जो भारतीय उपमहाद्वीप की साझा सांस्कृतिक विरासत को देश—विदेश तक गुजाने का काम करती हैं। यही वजह है कि सत्यजीत रे का पैतृक घर केवल एक इमारत के रूप में नहीं देखी जाती, बल्कि यह बांग्ला सांस्कृतिक एकता और ऐतिहासिक चेतना का भी प्रतीक बन गया है।

यूनुस सरकार ने सत्यजीत रे के उस 200 साल पुराने घर को तोड़ने की ओर कदम बढ़ाए थे

इस्लामी कट्टरपंथ की आग में झोंके जा रहे उस देश में, मजहबी उन्मादी तत्व विशेषरूप से भारतीय और हिन्दू सांस्कृतिक धरोहरों को मिटाने पर तुले दिखते हैं। यही वजह है कि बीते कुछ वर्षों में बांग्लादेश में कुछ इस्लामी कट्टरपंथी समूह अपने देश के सांस्कृतिक—राजनीतिक महत्व के स्थलों और गैर-इस्लामी विरासतों को मिटाने की मुहिम चलाए हुए हैं।

इसी सोच के निशाने पर था सत्यजीत रे का पैतृक निवास, क्योंकि कट्टरपंथी ताकतें इसे ‘हिंदू प्रतीक’ या ‘भारतीय प्रभाव’ के रूप में देखती हैं। यह रुख केवल सांस्कृतिक विविधता पर चोट नहीं है, बल्कि बांग्लादेश की बहुलतावादी पहचान को धो—पोंछ देने का भी प्रयास है।

महान फिल्मकार के घर को तोड़े जाने की घटना पर भारत ने सही समय पर हस्तक्षेप किया और इसे रोकने का कूटनीतिक दबाव बनाया। भारत ने इस मुद्दे को सांस्कृतिक कूटनीति के रूप में प्रस्तुत किया, जहां इस मुद्दे को एक ऐतिहासिक विभूति की विरासत के संरक्षण की साझा जिम्मेदारी के रूप में प्रस्तुत किया गया।

भारत के विदेश मंत्रालय और सांस्कृतिक संस्थानों ने बांग्लादेश सरकार से संवाद स्थापित किया, जिसमें इस धरोहर के संरक्षण की मांग रखी गई। बेशक, अब इस दबाव का असर दिखा है और युनूस सरकार ने इस घर को तोड़ने के फैसले को निरस्त किया है। इसके साथ ही वहां की सरकार ने इसके पुनर्निर्माण के लिए एक विशेष कमेटी गठित की है।

नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग में ‘प्रेस मिनिस्टर’ फैजल महमूद का कहना है कि ‘चूक हमारी तरफ से हुई’!

सरकार द्वारा इस कमेटी में विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से इतिहासकार, वास्तुशिल्प विशेषज्ञ और सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। यह कमेटी न केवल इस महत्वपूर्ण इमारत के पुनर्निर्माण की योजना बनाएगी, बल्कि इसे संग्रहालय या सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित करने की संभावना भी तलाशेगी। अगर ऐसा होता है तो यह बांग्लादेश के समाज के लिए ही नहीं, अपितु भारत में सत्यजीत रे के असंख्य चाहने वालों के लिए भी एक बड़ी राहत और संतोष की बात होगी।

कह सकते हैं कि उस देश में सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित रखने से जुड़ा यह विवाद केवल उस एक इमारत तक सीमित नहीं है; यह उस बड़े संघर्ष का हिस्सा है जिसमें एक तरफ समावेशी, बहुलतावादी संस्कृति है तो दूसरी तरफ संकुचित मजहबी सोच। शेख मुजीबुर्रहमान के त्याग और समर्पण की बुनयाद पर खड़ा बांग्लादेश जैसा देश अगर कट्टरपंथ के दबाव में झुकता है तो उसकी पहचान खतरे में पड़ सकती है।

सत्यजीत रे का पैतृक निवास एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे ऐतिहासिक विरासतों को बचाकर सामाजिक चेतना को जीवित रखा जा सकता है। अगर युनूस सरकार अपना विवेक जगाए रखकर इस प्रकार की हरकतों पर लगाम लगाती है तो यह चीज उस देश को सभ्य समाज के मध्य बनाए रख सकती है जिसे संभवत: जिन्ना के देश की शह पर मजहबी उन्मादी पाषाणकालीन सोच के तत्व शरिया की धरती बनाने पर तुले हैं।

Topics: भारतbangladeshबांग्लादेशdiplomacyyunus governmentसत्यजीत रे का पैतृक निवासIndiasatyajit ray ancestral house
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

बांग्लादेश में कट्टरता चरम पर है

बांग्लादेश: गोपालगंज में हिंसा में मारे गए लोगों का बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार

एससीओ में जयशंकर

SCO में Jaishankar ने​ की पहलगाम जिहादी हमले की चर्चा, कहा-आतंकवाद पर नरम रवैया नहीं, तीखा प्रहार जरूरी

सत्यजीत रे का पैतृक आवास ध्वस्त कर रहा बांग्लादेश। भारत से जुड़ी हर पहचान मिटाना चाहता है।

सत्यजीत रे का पैतृक घर ध्वस्त कर रहा बांग्लादेश, भारत ने म्यूजियम बनाने की दी सलाह

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (दाएं) की बेटी हैं साइमा वाजेद (बाएं)

हसीना की बेटी साइमा को WHO ने ‘लंबी छुट्टी’ पर भेजा, विशेषज्ञों का मत-बांग्लादेश सरकार के प्रभाव में आया यह संगठन

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अपनी सौहार्द भेंट के बाद जयशंकर ने बताया कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को द्विपक्षीय संबंधों में हो रही प्रगति की जानकारी दी

चीन में जयशंकर ने कहा-संबंधों में तनाव कम, कैलास-मानसरोवर यात्रा शुरू होना सुखद, संपर्क बढ़े तो विवाद घटे

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

ISIS स्टाइल में कर रहे थे इस्लामिक कन्वर्जन, पीएफआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी कनेक्शन

छांगुर कन्वर्जन केस : ATS ने बलरामपुर से दो और आरोपी किए गिरफ्तार

…दिल भारी हो रहा है : पंजाब में AAP विधायिका ने दिया इस्तीफा, कभी 5 मिनट में MSP देने का किया था ऐलान

धरने से जन्मी AAP को सताने लगे धरने : MLA से प्रश्न करने जा रहे 5 किसानों को भेजा जेल

उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 : पारदर्शिता, तीव्रता और दूरदर्शिता के साथ काम कर ही है धामी सरकार – अमित शाह

Delhio School bomb threat

स्कूलों को मिल रहे धमकी वाले ईमेल : Terrorism का एक नया आयाम, जानिए इस चुनौती से निपटने का समाधान

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

हर शाख पर छांगुर बैठा है… : एक और कन्वर्जन नेटवर्क का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड सहित 10 गिरफ्तार, देशभर में फैला जाल…

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies