महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने सांगली जिले के इस्लामपुर शहर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने का ऐलान किया है। यह फैसला गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया और शुक्रवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन इसकी घोषणा की गई। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने विधानसभा में बताया कि इस प्रस्ताव को अब अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
लंबे समय से थी मांग
इस्लामपुर का नाम बदलने की मांग कोई नई नहीं है। 1986 से स्थानीय लोग और हिंदुत्ववादी संगठन शिव प्रतिष्ठान इस बदलाव के लिए आवाज उठाते रहे हैं। संगठन के नेता संभाजी भिड़े ने सांगली कलेक्ट्रेट में एक ज्ञापन देकर इस मांग को और मजबूती दी थी। उनके समर्थकों का कहना था कि वे तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक मांग पूरी नहीं होती। एक स्थानीय शिवसेना नेता ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह 39 साल पुरानी मांग का सम्मान है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
हालांकि, इस फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता असलम शेख ने कहा कि सिर्फ नाम बदलने से शहर की हालत नहीं सुधरती। उन्होंने सरकार से विकास पर ध्यान देने की मांग की। शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे ने इसे “जातिवाद और टकराव” को बढ़ाने वाला कदम बताया।
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पहले भी बदले गए नाम
महाराष्ट्र सरकार पहले भी औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर, उस्मानाबाद को धाराशिव और अहमदनगर को अहिल्यानगर करने जैसे फैसले ले चुकी है। इस्लामपुर का नाम बदलना भी उसी दिशा में एक कदम है।
लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों और कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले पर खुशी जताई है। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इसे सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर सराहा। हालांकि, कुछ का मानना है कि सरकार को नाम बदलने के साथ-साथ विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।यह प्रस्ताव केंद्र की मंजूरी के बाद लागू होगा। तब तक इस्लामपुर के लोग नए नाम और पुरानी मांग के पूरा होने की खुशी में उत्साहित हैं।
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