पिछले दिनों नौशेरा सेक्टर से पकड़ा गया फिदायीन आतंकी एलओसी पर सेना की अग्रिम चौकियों पर बड़े हमले के लिए भेजा गया था. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई में कर्नल रैंक के अधिकारी यूसुफ चौधरी ने आतंकियों का फिदायीन दस्ता हमले के लिए भेजा था. इस दौरान फिदायीन तबारक हुसैन को हमले के लिए 30 हजार रुपये भी दिए गए थे. लेकिन तारबंदी काटने के दौरान तबारक को सतर्क जवानों ने फायरिंग कर घायल कर दिया. बाकी आतंकी दो आतंकी मौके से भाग निकले. दरअसल यह राज खुद राजौरी के सैन्य अस्पताल में उपचाराधीन आतंकी तबारक हुसैन ने पूछताछ में उगला है. खबरों के अनुसार नौशेरा के झंगड़ इलाके में बीती 21 अगस्त को तीन आतंकियों की हलचल देखी गई थी. इसी बीच आतंकी तबारक हुसैन तारबंदी के पास आकर तार काटने लगा. जवानों ने उसे चुनौती दी तो वह भागने लगा. इस दौरान फायरिंग में तबारक घायल होकर वहीं गिर गया, जबकि अन्य आतंकी भाग निकले.
पीओजेके का रहने वाला है आतंकी तबारक
पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर के सब्जकोट का रहने वाला तबारक हुसैन ने बताया कि पाकिस्तानी कर्नल यूसुफ से उसे 30 हजार रुपये दिए थे. इस दौरान हमले के लिए भारतीय सेना की तीन चौकियों की रेकी की गई थी. सही समय मिलने पर हमला किया जाना था. तबारक के साथ मौके पर दो और आतंकी थे, लेकिन उसने बताया कि कुल पांच आतंकियों का समूह था, जिन्हें हमले को अंजाम देना था. बता दें कि आतंकी तबारक को उसके भाई हारून अली के साथ 2016 में भी पकड़ा गया था, जिसे कुछ वर्ष जेल में रखने के बाद पाकिस्तान को लौटा दिया गया था.
पाकिस्तानी सेना के मेजर ने दी ट्रेनिंग
आतंकी तबारक लंबे समय से आतंकी गतिविधियों से जुड़ा रहा है. उसने बताया कि पाकिस्तानी सेना के मेजर रजाक ने उसे आतंकी बनने का प्रशिक्षण दिया था. साथी आतंकियों के साथ मैं मरने के लिए आया था लेकिन मेरे साथ धोखा हुआ. साथी मुझे छोड़कर चले गए और मैं यहां भारतीय फौज के हाथों पकड़ा गया. तबारक ने बताया कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए कई कैंप चला रही है. उसने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों के साथ छह माह की ट्रेनिंग ली है.
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