हरिद्वार में धर्म संसद के संरक्षक महामंडलेश्वर यतिंद्रगिरी जी महाराज ने कहा है धर्म संसद मामले में साधु-संतों पर मुकदमे वेटिकन और जिहादियों के दबाव में किए जा रहे हैं। संत समाज की एक बैठक में यतिंद्रगिरि जी ने कहा कि धर्म संसद से अलगाववादी जिहादियों में बेचैनी है, इसलिए पाकिस्तान में भारतीय राजदूत को तलब किया जाता है। वेटिकन को परेशानी है इसलिए वहां से बयान आता है।
धर्म संसद मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले कपिल सिब्बल पर आरोप लगाते हुए संत समाज ने कहा कि इनको करोड़ों रुपए जिहादियों, आतंकियों का केस लड़ने के लिए कौन देता है? कहां से आते है? इस पर भी विचार होना चाहिए। कपिल सिब्बल ने यति नरसिंहानंद गिरि,सागर सिंधु जी महाराज, स्वामी धर्मदास जी, पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप जी आदि कुल 9 संतों के नाम सुप्रीम कोर्ट याचिका में दर्ज करवाए हैं।
शाम्भवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप जी ने कहा कि हम कोर्ट में हर बात का जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि धर्म संसद से सबसे ज्यादा परेशान आतंकी जिहादी संस्थाएं हैं। उनके द्वारा पोषित लोग सरकार पर दबाव बना रहे हैं और सरकार मुकदमे दर्ज कर रही है, जिससे संत समाज में गुस्सा है। संत समाज की बैठक में यह तय हुआ कि 16 जनवरी को हरिद्वार के बैरागी कैम्प में सभी अखाड़ों और अन्य हिन्दू संस्थाओं की एक बड़ी बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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