हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में विभिन्न जल परियोजनाओं का उद्घाटन और नींव रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड्डल मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 2016 में लक्ष्य तय किया था कि 2030 तक अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोत से पूरा करेगा। लेकिन भारत ने यह लक्ष्य इस साल नवंबर में ही हासिल कर लिया। आज हर भारतीय को इसका गर्व होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के विकास में तेजी लाने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने के लिए पूरी दुनिया इसकी प्रशंसा कर रही है। सौर ऊर्जा से लेकर जल विद्युत तक, पवन ऊर्जा से लेकर हरित हाइड्रोजन तक, भारत अक्षय ऊर्जा के हर संसाधन का पूरा उपयोग करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
हिमाचल को सराहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत को ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ कहा जाता है तो उसके पीछे हिमाचल की बहुत बड़ी ताकत है। हिमाचल देश के सबसे महत्वपूर्ण फार्मा हब में से एक है। कोरोनाकाल के दौरान इसने न केवल दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है। आज देश में सरकार चलाने के दो अलग-अलग मॉडल काम कर रहे हैं। एक मॉडल है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। दूसरा मॉडल है खुद का स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ और विकास भी खुद का है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पर्यटन और तीर्थाटन जुड़ रहे हैं। डबल इंजन की सरकार हिमाचल की ताकत को आगे बढ़ा रही है। प्रदेश इसी विकास की रफ्तार के साथ आगे बढ़ता रहे, यही मेरी कामना है। प्रधानमंत्री मोदी ने 3 जनवरी से 15-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने की बात कहते हुए उम्मीद जताई कि इसमें भी हिमाचल बेहतर काम करेगा।
विलंब की विचारधारा
उन्होंने कहा कि हर देश में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, लेकिन आज हमारे देश के लोग स्पष्ट तौर पर दो विचारधाराओं को देख रहे हैं। एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की। विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की कभी परवाह नहीं की। विलंब की विचारधारा वालों ने हिमाचल के लोगों को अटल टनल के लिए दशकों तक इंतजार करवाया। विलंब की विचारधारा वालों के कारण ही रेणुका परियोजना में तीन दशक लग गए। इसके बीच आप एक दूसरा मॉडल भी देख रहे होंगे जो अपना स्वार्थ देखता है। जिन राज्यों में वे सरकार चला रहे हैं, उसमें प्राथमिकता गरीब के कल्याण की नहीं, बल्कि खुद के कल्याण की है।
हिमाचल से भावनात्मक रिश्ता
मोदी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से मेरा हमेशा से एक भावात्मक रिश्ता रहा है। बीते चार सालों में हिमाचल तेज गति से आगे बढ़ा है। चार सालों में को पहला एम्स मिला। हमीरपुर, मंडी, चंबा और सिरमौर में चार नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं।
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